TrendingT20 World Cup 2024Aaj Ka MausamBigg Boss OTT 3

---विज्ञापन---

जितनी औरतों की हाइट नहीं होती, उतने लंबे इस लड़के के बाल हैं; देखें वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर का Video

Guinness Book Record Holder Sidak Deep Singh Chahal, ग्रेटर नोएडा: सुंदर दिखने के लिए लोग तरह-तरह की हेयर कटिंग कराते हैं। ऐसे लोगों की वजह से सैलून वालों की चांदी ही चांदी है। दूसरी तरफ एक लड़का ऐसा भी है, जो अपने लंबे बालों के लिए ही चर्चा का क्रेंदबिंदु बना हुआ है। उम्र भी कोई ज्यादा […]

Edited By : Balraj Singh | Updated: Sep 30, 2023 20:46
Share :

Guinness Book Record Holder Sidak Deep Singh Chahal, ग्रेटर नोएडा: सुंदर दिखने के लिए लोग तरह-तरह की हेयर कटिंग कराते हैं। ऐसे लोगों की वजह से सैलून वालों की चांदी ही चांदी है। दूसरी तरफ एक लड़का ऐसा भी है, जो अपने लंबे बालों के लिए ही चर्चा का क्रेंदबिंदु बना हुआ है। उम्र भी कोई ज्यादा नहीं, सिर्फ 15 साल है। आम तौर पर जितना सामान्य तौर पर औरतों का कद भी नहीं होता, उतने लंबे तो इसके बाल हैं। 4 फीट और 9.5 इंच लंबे बालों के लिए इस किशोर का गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हो चुका है। आइए जानते हैं इसके बारे में और बहुत कुछ, जो जानना चाहिए…

  • ग्रेटर नोएडा की इंजीनियर सोसायटी में रहता है 15 वर्षीय सिदकदीप सिंह चहल का परिवार; 4 फीट और 9.5 इंच लंबे बालों के लिए बना रिकॉर्ड

बता देना जरूरी है कि लंबे बालों के लिए वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुका सिदकदीप सिंह चहल नामक 15 साल का यह किशोर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में पड़ते ग्रेटर नोएडा की इंजीनियर सोसायटी में रहता है। जहां तक इतने लंबे केश रखने की वजह की बात है, सिदकदीप ने धार्मिक मान्यता के चलते आज तक अपने केश नहीं कटवाए हैं। वह सिख पंथ से ताल्लुक रखता है।

यह भी पढ़ें: ‘Taarak Mehta…’ में बबीता भाभी को क्यों अकेला छोड़कर जा रहे हैं जेठालाल? Dilip Joshi का सामने आया पूरा प्लान

<

हफ्ते में दो दिन घंटों लगतो हैं केश संवारने में

सिदकदीप सिंह चहल ने बताया कि अपने केशों की देखभाल के लिए वह पूरा ध्यान देते हैं। इसके लिए उन्हें घंटों का वक्त देना पड़ता है। सिदकदीप की मानें तो केश धोने में 20 मिनट, सुखाने में करीब आधा घंटा लग जाता है। इसके बाद करीब 15 मिनट कंघी करने में तो फिर लगभग इतना ही वक्त दस्तार सजाने (पगड़ी बांधने) में भी लग जाता है और रोज इतना वक्त निकालना हर किसी के बस की बात नहीं होती। इसी के चलते वह हफ्ते में सिर्फ दो बार ही अपने केशों को संवारते हैं। इस देखरेख में उनकी मां पूरा साथ देती हैं। परिवार का साथ नहीं होता तो इतनी बड़ी उपलब्धि कभी हासिल नहीं हो पाती।

<>

First published on: Sep 30, 2023 06:24 PM
संबंधित खबरें
Exit mobile version