TrendingPollutionLionel MessiGoa

---विज्ञापन---

Greater Noida News: ग्रीनबे इंफ्रा के जीरो पीरियड पर 4 सप्ताह में निर्णय ले यमुना प्राधिकरणः इलाहाबाद हाईकोर्ट

Greater Noida News: यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) से जुड़े मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने ग्रीनबे इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए महत्वपूर्ण आदेश पारित किया है।

yamuna authority

Greater Noida News: यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) से जुड़े मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने ग्रीनबे इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए महत्वपूर्ण आदेश पारित किया है। न्यायालय ने ग्रीनबे द्वारा टाउनशिप टीएस-6 के लिए मांगे गए ‘जीरो पीरियड’ लाभ पर प्राधिकरण के रिवीजन अथॉरिटी को 4 सप्ताह की अवधि में निर्णय लेने का निर्देश दिया है।

मौजूदा यथास्थिति बनी रहे
हाईकोर्ट ने 8 जुलाई को यमुना प्राधिकरण द्वारा जारी उस आदेश पर भी स्थगन आदेश जारी किया है, जिसमें कंपनी को 31 जुलाई तक 117.73 करोड़ रुपये जमा करने को कहा गया था। न्यायालय ने निर्देश दिया है कि इस अवधि में कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जाए और मौजूदा यथास्थिति बनी रहे।

---विज्ञापन---

प्राधिकरण की अनुपस्थिति पर न्यायालय की नाराजगी
अदालत ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया कि एक ओर प्राधिकरण कंपनी के पुनरीक्षण आवेदन पर निर्णय लेने के लिए रिवीजन अथॉरिटी के समक्ष उपस्थित नहीं हो रहा, वहीं दूसरी ओर वह भूखंड के आवंटन निरस्त करने के आदेश पारित कर रहा है। इससे न्यायिक प्रक्रिया निष्फल हो रही है, जो कि चिंताजनक है। न्यायालय ने इस संबंध में याचिकाकर्ता द्वारा दायर अंतरिम राहत आवेदन पर भी 10 दिनों में विचार करने का निर्देश दिया है।

---विज्ञापन---

कंपनी ने जताई संतुष्टि
ग्रीनबे इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के परियोजना निदेशक अमित शर्मा ने अदालत के आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि कंपनी का शुरू से ही यह आग्रह रहा है कि उन्हें भूखंड पर 2019 तक पूर्ण कब्जा नहीं मिल सका था ।वहां पर किसानों का कब्जा बना हुआ था। इसी आधार पर उन्होंने उत्तर प्रदेश नियोजन एवं विकास अधिनियम, 1973 की धारा 41(3) के तहत जीरो पीरियड की मांग की थी, जिससे बकाया धनराशि का पुनर्गणना संभव हो सके।

बार-बार की गई अनदेखी
उन्होंने बताया कि प्राधिकरण की ओर से बार-बार जीरो पीरियड को लेकर कंपनी के अनुरोध की अनदेखी की जा रही थी, जिससे परियोजना की वित्तीय देनदारियों और आवंटियों के हितों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा था। इसी पृष्ठभूमि में उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी।

अब तक 60 करोड़ की राशि जमा
बता दें कि प्राधिकरण के 8 जुलाई के आदेश में ग्रीनबे को भूखंड टीएस-6 का आवंटन बनाए रखने के लिए 117.73 करोड़ रुपये जमा कराने थे। इसके जवाब में कंपनी द्वारा अब तक 60 करोड़ रुपये की राशि 21 जुलाई तक जमा करा दी गई है और शेष राशि जमा करने को लेकर कंपनी ने समय मांगा था।

क्या है ‘जीरो पीरियड’ विवाद
‘जीरो पीरियड’ वह अवधि होती है जब भूखंड पर कब्जा न मिलने अथवा प्रशासनिक बाधाओं के चलते कार्य आरंभ नहीं हो पाता। इस अवधि को परियोजना की देनदारी गणना से बाहर रखा जाता है। ग्रीनबे का दावा है कि प्राधिकरण से कब्जा न मिलने के कारण उन्हें यह लाभ मिलना चाहिए।

ये भी पढ़ें: Greater Noida News: अंधेरे में डूबे 7 हजार परिवार, जानें ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लोगों की दुखभरी कहानी


Topics:

---विज्ञापन---