Gorakhpur Shamli Panipat Expressway Update: उत्तरप्रदेश के गोरखपुर से पहले शामली अब हरियाणा के पानीपत तक बनने वाले सबसे बड़े एक्सप्रेस वे पर काम शुरू हो गया है. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण(NHAI) ने डीपीआर तैयार कर ली है. राज्य सरकार से बैठक के बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा. मार्च 2026 तक इस एक्सप्रेस वे की अधिसूचना जारी हो सकती है. अधिसूचना जारी होते ही 22 जिलों और 37 तहसीलों में NHAI अधिकारियों की नियुक्तियां करेगा. उसके बाद अधिग्रहण का काम शुरू होगा. 750 किलोमीटर लंबे बनने वाले इस एक्सप्रेस के बनने से पानीपत से गोरखपुर की दूरी में करीब आठ घंटे का वक्त बचेगा और यूपी के 22 जिलों को सीधा फायदा होगा. गोरखपुर से यह एक्सप्रेस वे सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा.
एनएचएआई अयोध्या को सौंपी गई जिम्मेदारी
नए पानीपत-शामली-गोरखपुर एक्सप्रेसवे के सर्वे की जिम्मेदारी अब एनएचएआई अयोध्या के पास है, पहले यह एनएचएआई, रायबरेली को दी गई थी. पहले शामली तक बनने वाले इस नए एक्सप्रेसवे को पानीपत तक बढ़ाया गया है. पहले पानीपत-शामली-गोरखपुर एक्सप्रेसवे का निर्माण शामली के गोगवान जलालपुर से शुरू होना था और इसे गोरखपुर में नेपाल सीमा तक बनाया जाना था और गोरखपुर से बस्ती, गोंडा और सीतापुर रूट तय किया गया था. अब नया रूट नेपाल की सीमा के पास के जिलों से होते हुए लखनऊ, सीतापुर, बरेली और मेरठ होते हुए शामली तक जाएगा. एलाइनमेंट सर्वेक्षण पूरा होने के बाद DPR तैयार कर शासन को भेजी जाएगी. नए एक्सप्रेसवे के बनने से हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार से लेकर पश्चिम बंगाल का सफर आसान हो जाएगा.
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किन 22 जिलों को आपस में जुड़ने से होगा फायदा
पानीपत-शामली-गोरखपुर एक्सप्रेसवे के बनने से पानीपत, शामली, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बिजनौर, मुरादाबाद, अमरोहा, संभल, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, हरदोई, सीतापुर, लखनऊ, बलरामपुर, लखीमपुर खीरी, शाहजहांपुर, बहराइच, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर, बस्ती और गोरखपुर जिले जुड़ेंगे. इस एक्सप्रेसवे के बनने से न केवल युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. राष्ट्रीय राजमार्गों पर भीड़ कम होगी, औद्योगिक शहरों और छोटे कस्बों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार बढ़ेंगे, मालवाहन की लागत घटेगी और हादसों की संभावना में भी कमी आएगी.
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