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यूपी में मोदी-शाह पर भारी पड़े दो लड़के, क्‍या कांग्रेस को म‍िला व‍िटाम‍िन ‘S’

Congress-Samajwadi Party Alliance : कांग्रेस और समाजवादी पार्टी अलायंस ने यूपी में कमाल कर दिया, जिससे लोकसभा चुनाव के नतीजों पर बड़ा असर पड़ा। किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला। कांग्रेस के लिए 'S' विटामिन संजीवनी साबित हुआ।

Akhilesh Yadav-Rahul Gandhi (File Photo)
UP Lok Sabha Election Result 2024 : देश में लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे सामने आ गए हैं। यूपी के परिणामों ने हर किसी को चौंका दिया, जहां मोदी और शाह पर दो लड़कों की जोड़ी भारी पड़ गई। साइकिल तो खूब दौड़ी ही और साथ में हाथ का पंजा भी छपा। अब बड़ा सवाल उठता है कि यूपी में कांग्रेस को कौन सा विटामिन मिला? कांग्रेस को मिलीं 6 सीटें यूपी में पिछले करीब 3 दशक से अपनी खोयी राजनीतिक जमीन तलाश रही कांग्रेस के लिए लोकसभा चुनाव 2024 किसी संजीवनी से कम नहीं है। इंडिया गठबंधन के तहत समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा। लोकसभा चुनाव में सपा का साथ मिलते ही कांग्रेस ने भी कमाल कर दिया। जहां पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस को एक सीट मिली थी, वहीं इस बार यह आंकड़ा 6 पहुंच गया। सपा यानी 'S' विटामिन की वजह से यूपी में कांग्रेस का जनाधार बढ़ा। यह भी पढ़ें : रक्षा और रेल मंत्रालय… जानें NDA को समर्थन देने के बदले क्या मांग सकते हैं नीतीश कुमार? जानें क्या कहते हैं चुनाव नतीजों के आंकड़े? इस चुनाव में कांग्रेस ने सिर्फ 17 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें से रायबरेली, अमेठी, इलाहाबाद, बाराबंकी, सहारनपुर और सीतापुर में जीत मिली है। राहुल गांधी और अखिलेश यादव की रैलियों से यादव और मुस्लिम वोटरों ने एकजुट होकर वोट किया। सपा के खाते में 37 सीटें आईं, जबकि 33 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी सिमट गई। बसपा का खाता तक नहीं खुला। जयंत चौधरी की पार्टी आरएलडी को 2 सीटें मिलीं, जबकि आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) और अपना दल (सोनीलाल) के खाते में एक-एक सीट गई। यह भी पढ़ें : मायावती मुसलमानों पर भड़कीं, यूपी में खाता नहीं खुला तो बसपा सुप्रीमो ने लिया बड़ा फैसला 1989 के बाद से यूपी में कांग्रेस का गिरा ग्राफ आपको बता दें कि 1989 के बाद से उत्तर प्रदेश की सत्ता से कांग्रेस बाहर है। इसके बाद पार्टी का ग्राफ लगातार गिरता गया। 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ 2.33 फीसदी वोट मिला था और पार्टी ने सिर्फ दो सीट रामपुर खास एवं फरेंदा पर जीत दर्ज की थी। इससे पहले 2017 के विधानसभा चुनाव में भी सपा और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।


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