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Badrinath Dham Yatra: बद्रीनाथ जा रहे हैं तो इन 5 जगहों पर जाना न भूलें, जानें से पहले देख लें रूट

Badrinath Dham Yatra: चारधाम यात्रा 30 अप्रैल से शुरू हो चुकी है, ये 6 नवंबर तक चलेगी। अगर आपने भी इसके लिए रजिस्ट्रेशन नहीं किया है, तो आज ही कर सकते हैं। इसके लिए ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह से रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।

Badrinath Dham Yatra: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की शुरुआत हो गई है। अभी चारों धामों के कपाट खुल चुके हैं। 30 अप्रैल से शुरू हो चुकी है, ये 6 नवंबर तक जारी रहेगी। इसके लिए श्रद्धालु भारी संख्या में रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं। आज हम आपको बद्रीनाथ यात्रा से जुड़ी कुछ काम की जानकारियां देंगे, जिससे आपका सफर काफी आसान हो सकता है। बद्रीनाथ यात्रा के लिए सबसे सही समय मई और जून का ही माना जाता है, क्योंकि इस दौरान बद्रीनाथ धाम के रास्ते साफ होते हैं। वहीं, बद्रीनाथ जा रहे हैं, तो कुछ जगहों के बारे में भी जान लें, जहां पर आप घूम सकते हैं।

रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी

बद्रीनाथ धाम यात्रा के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन किए जा रहे हैं। बिना रजिस्ट्रेशन किए कोई भी यात्रा में शामिल नहीं हो सकता है। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन घर बैठे कर सकते हैं, जबकि ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए यात्रा मार्ग में 60 से ज्यादा सेंटर बनाए गए हैं, जहां पर रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है। बस कुछ जरूरी डॉक्यूमेंट्स अपने साथ रखें। ये भी पढ़ें: Bird Flu Alert: अंडे-चिकन खाने वाले हो जाएं सतर्क, दिल्ली-यूपी में तेजी फैल रहा है बर्ड फ्लू

हरिद्वार से केदारनाथ धाम की दूरी कितनी?

हरिद्वार से ऋषिकेश (25 किलोमीटर), ऋषिकेश से देवप्रयाग (72 किलोमीटर), देवप्रयाग से श्रीनगर (36 किलोमीटर), श्रीनगर से गढ़वाल रुद्रप्रयाग (32 किलोमीटर), रुद्रप्रयाग से कर्णप्रयाग (32 किलोमीटर), कर्णप्रयाग से चमोली (41 किलोमीटर), चमोली से जोशीमठ (65 किलोमीटर), जोशीमठ से बदरीनाथ (45 किलोमीटर) है। [caption id="attachment_1191198" align="alignnone" ] बद्रीनाथ धाम[/caption]

कैसे पहुंचे बद्रीनाथ?

बद्रीनाथ धाम पहुंचने के लिए कई रास्ते हैं, जिसमें से पहला हवाई रास्ता है। इसके लिए देहरादून स्थित जॉली ग्रांट एयरपोर्ट जा सकते हैं, जहां से बद्रीनाथ की दूरी करीब 314 किलोमीटर है। इस एयरपोर्ट के लिए दिल्ली से रोज फ्लाइट मिल जाती हैं। इसके अलावा, सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश भी जा सकते हैं। ऋषिकेश से बद्रीनाथ धाम की दूरी 289 किलोमीटर है।

बाय रोड कैसे जाएं?

सड़क के रास्ते से जाना चाहते हैं, तो उसके लिए उत्तराखंड परिवहन निगम की सरकारी बसें और निजी वोल्वो बसें हरिद्वार, ऋषिकेश, देहरादून और दिल्ली से सीधे बद्रीनाथ के लिए मिल जाएंगी। बद्रीनाथ के लिए हेलीकॉप्टर सेवा की सुविधा 25 मई से शुरू होने जा रही है। इसके लिए IRCTC की साइट पर बुकिंग कर सकते हैं। [caption id="attachment_1191163" align="alignnone" ] यात्रा के लिए IRCTC की साइट से हेलीकॉप्टर की बुकिंग की जा सकती है।[/caption]

बद्रीनाथ के अलावा कहां-कहां जा सकते हैं?

बद्रीनाथ धाम जा रहे हैं, तो वहां पर और भी 5 जगह ऐसी हैं, जहां पर घूमा जा सकता है। इसमें सबसे पहला नाम माणा गांव का। इस गांव को भारत का पहला गांव कहा जाता है। इसकी बदरीनाथ से महज 3 किलोमीटर दूरी है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, महाभारत के समय पांडव इसी रास्ते से स्वर्ग की तरफ गए थे। इस गांव में ज्यादातर भोटिया जनजाति के लोग रहते हैं, जिनकी संस्कृति पर तिब्बत का प्रभाव देखने को मिलता है। ये भी पढ़ें: Uttarakhand News: पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में निकाली गई ‘तिरंगा यात्रा’, CM बोले- वीर सपूतों ने किया बहादुरी का प्रदर्शन

तप्त कुंड

तप्त कुंड बद्रीनाथ मंदिर के पास प्राकृतिक गर्म पानी का एक स्रोत है। यह कुंड भगवान विष्णु के वरदान से बना था, जिसका पानी हमेशा गर्म रहता है। कहा जाता है कि इस पानी में गंधक और अन्य खनिज तत्व पाए जाते हैं, जो स्किन की बीमारियों समेत कई शारीरिक बीमारियों को ठीक कर सकते हैं। [caption id="attachment_1191149" align="alignnone" ] नीलकंठ पर्वत[/caption]

नीलकंठ पर्वत

बदरीनाथ मंदिर के ठीक पीछे नीलकंठ पर्वत स्थित है। यह पर्वत भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है। 6,597 मीटर की ऊंचाई वाला ये पर्वत चारों ओर से बर्फ की चादर ओढ़े हुए है। मान्यताओं के मुताबिक, भगवान शिव ने समुद्र मंथन के दौरान इस जगह पर विष पिया था, जिससे उनका कंठ नीला पड़ गया था।

वसुधारा झरना 

बद्रीनाथ धाम से करीब से 6 किलोमीटर की दूरी पर यह जलप्रपात है। यहां पहुंचने के लिए 5 किमी की ट्रैकिंग करनी होती है। यह झरना 400 फीट की ऊंचाई से गिरता है, जिसे देखना अपने आप में एक अलग एहसास देता है। [caption id="attachment_1191151" align="alignnone" ] वसुधारा झरना[/caption]

चरण पादुका

चरण पादुका भी बदरीनाथ से ज्यादा दूर नहीं, बल्कि करीब 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां पर एक बड़े पत्थर पर भगवान विष्णु के चरणों (पैरों) के निशान हैं। धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, भगवान विष्णु जब धरती पर आए थे, तब पहला कदम रखने के बाद उन्होंने यहीं पर आराम किया था। इसलिए इस जगह पर श्रद्धालु जाते हैं। यहां तक पहुंचने के लिए पहाड़ पर ट्रैकिंग करनी होती है। ये भी पढ़ें: ग्रेटर नोएडा वेस्ट के 5 लाख लोगों के लिए गुड न्यूज, ग्रेनो अथॉरिटी ने दी बड़ी राहत


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