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Ayodhya: प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्यों फूट-फूटकर रोने लगे सांसद अवधेश प्रसाद, इस्तीफे की भी दे डाली चेतावनी, देखें Video

UP Ayodhya News : यूपी में दलित युवती की हत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद इस मामले पर रोने लगे और उन्होंने कहा कि अगर न्याय नहीं मिला तो इस्तीफा दे देंगे।

प्रेस वार्ता में रोने लगे सांसद अवधेश प्रसाद।
UP Ayodhya News : उत्तर प्रदेश के अयोध्या से सांसद अवधेश प्रसाद का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वे प्रेस कॉन्फ्रेंस में फूट-फूटकर रोते नजर आ रहे हैं। सांसद के अचानक से रोने से लोग भौचक्के हो गए। प्रेसवार्ता में बैठे पूर्व मंत्री तेज नारायण पाण्डेय समेत अन्य नेता उन्हें शांत कराते रहे। इस दौरान सांसद ने इस्तीफा देने की चेतावनी दे डाली। आइए जानते हैं कि क्यों रोने लगे सांसद अवधेश प्रसाद? अयोध्या में दलित युवती की निर्वस्त्र अवस्था में लाश मिलने से सियासत गरगा गई है। इस मामले में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के ट्वीट के बाद अब सांसद अवधेश प्रसाद के रोने का वीडियो सामने आया है। दलित युवती की नृसंस हत्या के मामले में सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने रविवार को प्रेस वार्ता की। प्रेस कॉन्फ्रेंस के समय वे फफक-फफक कर रोने लगे। उन्होंने कहा कि अगर युवती के परिवार को न्याय नहीं मिला तो लोकसभा से इस्तीफा दे दूंगा। यह भी पढ़ें : Video: ‘गृह मंत्री का बयान बाबा साहब के सम्मान के खिलाफ’, बोले सपा सांसद अवधेश प्रसाद रोते हुए क्या बोले सांसद अवधेश प्रसाद? सांसद अवधेश प्रसाद ने रोते हुए कहा कि 'मुझे दिल्ली जाने दो, लोकसभा में जाने दो, मोदी के सामने अपनी बात रखूंगा। हम बेटी की इज्जत बचाने में नाकामयाब हो रहे हैं। इतिहास क्या कहेगा? कैसे बिटिया के साथ ये हो गया'। माथा पीटकर सांसद श्रीराम की गुहार लगाने लगे और प्रेस में बैठे पूर्व मंत्री तेज नारायण पाण्डेय, जिलाध्यक्ष पारसनाथ यादव उन्हें समझाने लगे। अवधेश प्रसाद बोले- कहां हो मर्यादा पुरुषोत्तम राम? कहां हो सीता मइया? यह भी पढ़ें : UP By Election 2024: मिल्कीपुर में किसकी जीत, क्या चलेगा अखिलेश का जादू? अखिलेश यादव ने सख्त कार्रवाई की मांग की आपको बता दें कि इससे पहले अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि ये बेहद दुःखद खबर है कि अयोध्या में 3 दिन से गायब दलित परिवार की बेटी का शव निर्वस्त्र अवस्था में मिला है, उसकी दोनों आंखें फोड़ दी गई हैं, उसके साथ अमानवीय व्यवहार हुआ है। प्रशासन ने तीन दिन पहले ही अगर परिवार की सूचना पर ध्यान दिया होता तो बच्ची की जान बचाई जा सकती थी। हम उत्तर प्रदेश सरकार से मांग करते है कि जो दोषी हैं और जिन पुलिसकर्मियों ने इस मामले में लापरवाही बरती है, उन सबके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और पीड़ित परिवार को तत्काल 1 करोड़ का मुआवजा दिया जाए।


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