Atiq Ashraf Murder: गैंगस्टर अतीक और अशरफ अहमद की पुलिस हिरासत में हत्या करने वाले तीन शूटरों को आज प्रयागराज में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) की अदालत में पेश किया गया। पेशी के दौरान पुलिस ने तीनों हत्यारोपियों की 14 दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन सीजीएम कोर्ट ने तीनों आरोपियों को 4 दिन के रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया।
बता दें कि अतीक और अशरफ हत्याकांड की जांच के लिए दो एसआईटी का गठन किया गया है। रिमांड मिलने के बाद माना जा रहा है कि एसआईटी की टीम तीनों हत्यारोपियों को घटनास्थल पर ले जाकर सीन रिक्रिएट भी करा सकती है।
आज सुबह तीनों हत्यारोपियों को भारी सुरक्षा के बीच सीजेएम कोर्ट लाया गया था। कोर्ट परिसर में भारी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई थी। तीनों हमलावरों में शामिल हमीरपुर के मोहित उर्फ सन्नी (23), बांदा के लवलेश तिवारी (22) और कासगंज के अरुण मौर्य (18) को वर्तमान में प्रतापगढ़ जेल में रखा गया है। एसटीएफ डीआईजी आनंद देव तिवारी ने कहा था कि पुलिस तीनों हमलावरों की रिमांड मांगेगी।
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एसटीएफ डीआईजी ने संवाददाताओं से कहा कि अतीक-अशरफ की हत्या मीडिया के सामने की गई थी। तीनों हमलावरों को गिरफ्तार किया गया है। हम उन्हें पुलिस रिमांड पर लेंगे और जानकारी जुटाई जाएगी कि क्या कोई सिंडिकेट था, जहां से उन्होंने हथियार और गोला-बारूद प्राप्त किया था? या आरोपियों की अतीक-अशरफ से कोई दुश्मनी थी? पूछताछ के दौरान गोली मारने के पीछे के असली मकसद का पता लगाया जाएगा।
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बता दें कि शनिवार की रात अतीक और अशरफ को तीन शूटरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। तीनों आरोपी पत्रकार के रूप में पहुंचे थे। वारदात के दौैरान पुलिस अतीक और अशरफ को मेडिकल जांच के लिए प्रयागराज के एक मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंची थी।
एसटीएफ डीआईजी बोले- शाइस्ता और गुड्डू मुस्लिम को जल्द करेंगे गिरफ्तार
एसटीएफ डीआईजी ने बताया कि अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन और गुड्डू मुस्लिम को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी सीमाएं हैं लेकिन उनके पास गिरफ्तारी से बचने के कई साधन हैं। जहां तक गुड्डू मुस्लिम का सवाल है, वह गुड्डू 'बमबाज' के रूप में जाना जाता है और गिरफ्तारी से बचने में माहिर है, जबकि शाइस्ता 'परदानाशीन' (घूंघट में) रहती है, लेकिन हम उन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लेंगे।
अहमद और अशरफ के अलावा उमेश पाल हत्याकांड की प्राथमिकी में नामजद चार अन्य असद, अरबाज, विजय चौधरी उर्फ उस्मान और गुलाम भी मारे गए हैं। उमेश पाल 2005 के बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड का मुख्य गवाह था, जिसमें अतीक भी आरोपी था।
उमेश पाल हत्या मामले में प्राथमिकी 25 फरवरी को उनकी पत्नी जया पाल द्वारा आईपीसी की संबंधित धाराओं, 302 (हत्या) और 307 (हत्या का प्रयास) सहित, और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत दर्ज की गई थी।
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