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सपा से टिकट न मिलने पर निर्दलीय लड़े और जीते, कौन हैं अमनमणि त्रिपाठी, जिन्होंने थामा कांग्रेस का ‘हाथ’

Aman Mani Tripathi ने बसपा से निष्कासित होने के बाद अब कांग्रेस का दामन थाम लिया है। उनके महराजगंज सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही हैं। अमनमणि ने सपा से टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी। आइए, उनके बारे में विस्तार से जानते हैं...

Aman Mani Tripathi ने थामा कांग्रेस का दामन, महराजगंज से चुनाव लड़ने की अटकलें
Who Is Aman Mani Tripathi: लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में अपनी तैयारियों को धार देनी शुरू कर दी है। इस धार को और तेज करने का काम किया है अमनमणि त्रिपाठी ने... जो 9 मार्च को कांग्रेस में शामिल हुए। उन्हें प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय ने पार्टी की सदस्यता दिलाई। माना जा रहा है कि कांग्रेस उन्हें महराजगंज सीट से प्रत्याशी बना सकती है। हालांकि, यहां से पिछली बार कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने चुनाव लड़ा था। कौन हैं अमनमणि त्रिपाठी? अमनमणि त्रिपाठी का जन्म 12 जनवरी 1982 को गोरखपुर जिले में हुआ था। वे पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के बेटे हैं। उन्होंने गोरखपुर के दीन दयाल उपाध्याय यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है। वे नौतनवां विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं। अमनमणि त्रिपाठी पहले बहुजन समाज पार्टी में थे, लेकिन पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते उन्हें बसपा से निष्कासित कर दिया गया था। उन्होंने पहली बार सपा के टिकट पर 2012 में नौतनवां से चुनाव लड़ा था, लेकिन कांग्रेस के कुंवर कौशल किशोर के हाथों हार का सामना करना पड़ा था।

सपा ने नहीं दिया टिकट तो निर्दलीय लड़ा चुनाव

अमनमणि त्रिपाठी की पत्नी सारा की 2015 में एक सड़क हादसे में मौत हो गई। हालांकि, सारा की मां ने इसे हत्या बताया। उन्होंने अमनमणि पर हत्या का आरोप लगाया, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उन पर लगे आरोपों के चलते सपा ने उन्हें 2017 के विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया, जिसके चलते उन्होंने निर्दलीय लड़ा और जीत दर्ज की। यह भी पढ़ें: योगी सरकार के दो मंत्रियों में छिड़ी वर्चस्व की लड़ाई? दारा सिंह बोले- राजभर नहीं, PM मोदी हैं सबसे पावरफुल नेता

2017 से 2022 तक विधायक रहे अमनमणि त्रिपाठी

अमनमणि 2017 से 2022 तक विधायक रहे। उन्होंने 2022 के विधानसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर फिर से चुनाव लड़ा, लेकिन हार का सामना करना पड़ा। निकाय चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। अब कांग्रेस में शामिल होने के बाद उनको महराजगंज से टिकट मिलने की संभावना जताई जा रही है, लेकिन यहां से सुप्रिया श्रीनेत ने 2019 में चुनाव लड़ा था,जिसमें उनकी हार हुई थी। यह भी पढ़ें: UP की 17 सीटों पर कैसे मिलेगी जीत, किसे बनाया जाए प्रत्याशी? आज मंथन करेगी कांग्रेस


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