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अल्मोड़ा बस हादसा: काम नहीं आई एयर एंबुलेंस सर्विस, कुछ दिन पहले ही पीएम मोदी ने किया था उद्घाटन

Almora Bus Accident: 29 अक्टूबर को इस एयर एंबुलेंस का उद्घाटन किया गया था। बताया जा रहा है कि ये एंबुलेंस फिलहाल चालू हालत में नहीं है।

Air Ambulance Service Rishikesh AIIMS
Almora Bus Accident: ऋषिकेश एम्स तक घायल मरीजों को पहुंचाने के लिए बीते दिनों जोर-शोर से पहली हेलीकॉप्टर एंबुलेंस सर्विस लॉन्च की गई थी। खुद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअली इसका उद्घाटन किया था। जबकि स्थानीय प्रशासन ने तो इसे उत्तराखंड के लिए ऐतिहासिक पल बताया था। लेकिन सोमवार को अल्मोड़ा जिले के मर्चुला के पास हुए बस हादसे में इसका प्रयोग नहीं किया जा सका। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इसका कारण इसमें तकनीकी खामी बताया गया है। स्थानीय लोगों का दावा है कि अगर एंबुलेंस को गंभीर रूप से घायल लोगों को एम्स पहुंचाने में प्रयोग हो पाता तो शायद जानमाल का नुकसान कम होता। बता दें मंगलवार दोपहर तक इस हादसे में अभी तक कुल 36 लोगों की मौत हो चुकी है। दरअसल, रामनगर के करीब मर्चुला में यात्रियों से खचाखच भरी बस खाई में गिर गई थी, बताया जा रहा है कि इस बस में कुल 55 यात्री सवार थे। अभी भी अस्पताल में घायलों का इलाज चल रहा है। ये भी पढ़ें: बस में क्षमता से अधिक यात्री थे सवार, कमानी टूटने से गई 36 की जान; अल्मोड़ा हादसे में क्या-क्या खुलासे?

एंबुलेंस नहीं चली तो पैसेंजर हेलीकॉटर से किया एयरलिफ्ट

जानकारी के अनुसार 29 अक्टूबर को इस एयर एंबुलेंस का उद्घाटन किया गया था। बताया जा रहा है कि ये एंबुलेंस अभी चालू हालत में नहीं है। फिलहाल इसकी क्षमता और अन्य क्वालिटी चेक चल रहा है। हालांकि बता दें कि हादसे में घायल 6 गंभीर रूप से घायल लोगों को स्थानीय प्रशासन ने हेलीकॉटर से एयरलिफ्ट किया है। इन सभी घायलों को घटनास्थल से करीब 45 मिनट की दूरी पर रामनगर में अस्पताल में पहुंचाया गया है, जहां उनकी जान बचाई जा सकी है।

उत्तराखंड सरकार ने ये किए थे दावे

बता दें एंबुलेंस के उद्घाटन के दौरान उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि एम्स ऋषिकेश में एयर एंबुलेंस सेवा शुरू होने से राज्य की स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत और आधुनिक बन सकेंगी। जानकारी के अनुसार एयर एंबुलेंस सेवा 108 एंबुलेंस की तर्ज पर चलेगी। इससे सड़क हादसों या अन्य घटनाओं में घायल गंभीर मरीजों को समय से एम्स पहुंचाया जा सकेगा, जिससे उनकी जान बचाई जा सके। ये भी पढ़ें: अल्मोड़ा में छोटी सी चूक ने ले ली 36 यात्रियों की जान, हादसे का असली सच क्या?  


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