टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल को बड़ा झटका, पशु तस्करी मामले में मिली 14 दिनों की न्यायिक हिरासत
Anubrata Mondal
कोलकाता: सीबीआई की एक विशेष अदालत ने बुधवार को पशु तस्करी मामले में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता अनुब्रत मंडल को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
केंद्रीय जांच ब्यूरो ने 11 अगस्त को तृणमूल कांग्रेस के बीरभूम जिला अध्यक्ष को पशु तस्करी मामले में केंद्रीय एजेंसी के 10 सम्मनों में शामिल नहीं होने के बाद गिरफ्तार किया था। उसी दिन, उन्हें 20 अगस्त तक 10 दिनों के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया गया था, जिसे बाद में 24 अगस्त तक बढ़ा दिया गया था।
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20 अगस्त को, मंडल ने 'खराब स्वास्थ्य' का हवाला देते हुए जमानत के लिए अपील की, लेकिन सीबीआई के वकील ने उन्हें एक बहुत शक्तिशाली और अत्यधिक प्रभावशाली व्यक्ति बताते हुए उनकी याचिका पर आपत्ति जताई। केंद्रीय एजेंसी ने कहा कि अगर जमानत दी जाती है तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं और सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं।
अनुब्रता के वकील का आरोप, 'टार्गेट कार्रवाई'
बुधवार की सुनवाई के दौरान अनुब्रत मंडल के वकील ने आरोप लगाया कि केंद्र द्वारा टीएमसी नेता को 'टारगेट' किया जा रहा है। अधिवक्ता ने दावा किया कि इसके पीछे राजनीतिक दल का हाथ है, जो राज्य में सत्ता में नहीं है।
उन्होंने आगे कहा, "सीबीआई कह रही है कि मेरे मुवक्किल ने ब्रह्मपुर से मुर्शिदाबाद तक गाय की तस्करी में मदद की है। कौन सा कानून कहता है कि गाय को ले जाना अपराध है? यह मीडिया ट्रायल बन गया है।"
बता दें कि 21 सितंबर, 2020 को सीबीआई ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के पूर्व कमांडेंट सतीश कुमार को बांग्लादेश सीमा पर अवैध पशु व्यापार के आरोप में गिरफ्तार किया था। जांच के दौरान अनुब्रत मंडल का नाम सामने आया था।
अधिवक्ता ने आरोपी बीएसएफ अधिकारी को दी गई जमानत पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा, "बीएसएफ सीमाओं की रखवाली करता है। फिर मेरा मुवक्किल गौ तस्करों को कैसे सुरक्षा देगा जैसा कि सीबीआई ने कहा है? बीएसएफ के एक अधिकारी सतीश कुमार को गिरफ्तार किया गया और बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया।"
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वकील ने आगे तर्क दिया, "सीबीआई मेरे मुवक्किल को कैसे हिरासत में रख सकती है अगर वे यह साबित नहीं कर सकते कि मेरे मुवक्किल को सहगल हुसैन या इनामुल हक से प्राप्त धन गाय की तस्करी से आया है?"
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