Sachin Pilot statement on CM Ashok Gehlot, दौसा: एक पुरानी कहावत है, 'दुश्मन का दुश्मन प्यारा ही होता है'। राजस्थान की राजनीति में आजकल कुछ ऐसा ही होता नजर आ रहा है। गुरुवार को एक ओर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इशारों-इशारों में साफ कर दिया कि सीएम फेस तो वही हैं, वहीं उनके धुर विरोधी सचिन पायलट ने मिलकर लड़ने की बात कही है। सचिन ने कहा कि फेस जैसी कोई बात नहीं होती। मिलकर लड़ना है। लड़ेंगे और जीतेंगे। पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायल ने यह बात प्रियंका गांधी के दौरे को लेकर की जा रही तैयारियां देखने के बाद कही।
प्रियंका के दौरे को लेकर की जा रही तैयारियों को देखने सिकराय पहुंचे थे सचिन पायलट
बता दें कि ऑल इंडिया कॉन्ग्रेस कमेटी (AICC) की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी शुक्रवार 20 अक्टूबर को दौसा जिले के गांव सिकराय में पहुंच रही हैं। प्रियंका के यहां जनसभा करने के पीछे इलाके की आठ विधानसभा सीटों की जनता को साधना अहम वजह है। संभावना है कि प्रियंका के इस दौरे के बाद ही प्रदेश में विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों की सूची घोषित हो सकती है। इससे पहले गुरुवार को प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट रैली की तैयारियों को देखने सिकराय पहुंचे।
जनसभा को लेकर पार्टी की स्थानीय इकाई की तरफ से किए गए इंतजाम का जायजा लेने के बाद मीडिया से रू-ब-रू हुए पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि कल यहां प्रियंका गांधी की आम सभा है। इस इलाके ने हमेशा कांग्रेस का साथ दिया है, उम्मीद है कि इस बार फिर जनता का सहयोग मिलेगा। ईआरसीपी पर सचिन ने कहा कि मोदी जी ने वादा किया, लेकिन निभाया नहीं। भारतीय जनता पार्टी के खेमे में हमारी एकता देखकर हड़बड़ाहट है। दूसरी ओर बीजेपी में खुद फूट है। पार्टी हाईकमान की लिस्ट में 40 लोगों का नाम आया और इसके बाद 80 झगड़े हो गए। कुछ भी हो जाए, प्लांट खबरों पर ध्यान नहीं दिया जााना चाहिए। जल्द ही चुनावी लिस्ट हमारी भी सामने आएगी। राजस्थान में हमारी पार्टी की सरकार रिपीट होगी। इतना ही नहीं, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में भी हम लोग ही जीतेंगे।
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गहलोत के बयान पर दी प्रतिक्रिया
उधर, सीएम फेस को लेकर सचिन पायलट ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं होता। सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ते हैं, मिलकर ही लड़ेंगे। 2018 में वह (पायलट खुद) अध्यक्ष थे। फेस सामूहिक नेतृत्व का था। मिलकर लड़े और जीते। इस बार भी मिलकर लड़ेंगे और जीतेंगे। बाद में विधायक दल और केंद्रीय नेतृत्व विधायक दल का नेता तय करेंगे। कौन किस पद पर बैठता है-नहीं बैठता है यह आलाकमान तय करता है। किसको कहां काम करना है, यह भी आलाकमान तय करेगा। हालांकि एक ओर दिन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि वह तो इस पद को छोड़ दें, लेकिन उन्हें नहीं छोड़ता और छोड़ेगा भी नहीं। इस बयान का इशारा था कि राजस्थान में कॉन्ग्रेस का मुख्यमंत्री चेहरा वही होंगे। इसी पर पलटवार शाम को सचिन ने किया है।
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कहा-भाजपा वाले करते हैं हॉर्सट्रेडिंग
इसके अलावा हॉर्सट्रेडिंग की बात पर सचिन पायलट ने कहा कि भाजपा वाले हॉर्सट्रेडिंग करते हैं। भले ही भाजपाई ऐसी कोशिश करने की बात से इनकार करते रहें। 2013 में भाजपा 163 सीटों पर बैठी थी, लेकिन 2018 में कांग्रेस के सामूहिक प्रयास ने बाजी पलट दी।