Rajasthan Berojgar Mahasammelan: राजस्थान में बेरोजगार उपेन यादव के नेतृत्व में आज जयपुर में महासम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन का आयोजन जयपुर के त्रिवेणी नगर में स्थित सामुदायिक भवन में हुआ। सम्मेलन में दोनों ही पार्टियों से जुड़े नेताओं ने शिरकत की। इस दौरान शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि राजस्थान सरकार भी अब केंद्रीय लोक सेवा आयोग की तर्ज पर हर साल शिक्षकों के खाली पड़े पदों पर भर्ती निकालने की योजना बना रही है।
आचार संहिता से पहले 1 लाख पदों की विज्ञप्ति जारी होगी
राजस्थान पर्यटन विकास निगम के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ ने कहा कि आज बेरोजगारों के मंच पर मैं और कल्ला जी बीजेपी के नेताओं से बहस करने आए हैं। उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने बेरोजगारों के लिए ना कोई काम किया था न भविष्य में करेंगे। लेकिन हम लोग आपसे वादा करके जा रहे हैं। आचार संहिता लगने से पहले 1 लाख पदों की भर्ती विज्ञप्ति जारी हो जाएगी। जितने लोगों से आप मिलना चाहेंगे, उतने लोगों को हम सीएम से मिलवाएंगे।
राठौड़ ने आगे कहा कि आज 3 बजे बीजेपी के नेता आएंगे। आप उनसे पूछना की मोदी सरकार ने अब तक कितने लोगों को रोजगार दिया है। मैं दावे से कह सकता हूं कि बीजेपी सरकार ने 9 साल में जितने लोगों को रोजगार दिए थे उससे कहीं ज्यादा रोजगार हमनें दिए हैं।
मुझे जेल में ऑफर किए गए थे 1 करोड़ रुपए
इससे पहले बेरोजगार संघ के अध्यक्ष उपेन यादव ने कहा कि जब मैं जेल में था तब मुझे पेपरलीक मामले में चुप रहने के लिए 1 करोड़ रुपए ऑफर किये गए थे। लेकिन मैंने रिश्वत को स्वीकार नहीं किया। मैं जेल से बाहर आते ही एक बार फिर पुरजोर तरीके से पेपर लीक के खिलाफ आवाज उठाई।
बहुत सारे लोग मेरी छवि बिगाड़ने में लगे हैं लेकिन मैं डरने वाला नहीं हूं। उन्होंने आगे कहा कि 10 मांगों को लेकर महासम्मेलन आयोजित किया गया है। ताकि सीएम तक हमारी मांग पहुंचे। अगर हमारी मांगें नहीं मानी गई तो हम कांग्रेस के खिलाफ आंदोलन करेंगे।
ये है बेरोजगारों की प्रमुख मांगें
एक लाख नई भर्तियों का विभाग वाइज वर्गीकरण करके विज्ञप्ति जारी की जाए। 1 लाख प्रक्रियाधीन भर्तियों को आचार संहिता लगने से पहले पूरा किया जाए। संविदा में भर्ती निकालने पर रोक लगाई जाए और भर्ती परीक्षाओं में इंटरव्यू खत्म किया जाए। प्रदेश की भर्तियों में स्थानीय युवकों को प्राथमिकता दी जाए। बजट की घोषणा और पूर्व में किए गए आंदोलनों की मांगों को तत्काल पूरा किया जाए। भर्ती परीक्षाओं के पेपर के प्रश्नों के विवाद को लेकर, पेपर बनाने वालो की जिम्मेदारी तय की जाए। इसके साथ ही गलत पेपर बनाने वाले के खिलाफ सख्त कानूनी और आर्थिक कार्रवाई की जाए।