Rajasthan Assembly Elections 2023 Key Constituencies: राजस्थान में हाई-वोल्टेज चुनाव प्रचार के बाद जनता शनिवार को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान करने के लिए पूरी तरह तैयार है। प्रदेश की 200 में से 199 सीटों पर सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान होगा, जबकि वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी। श्रीगंगानगर की करणपुर सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार और मौजूदा विधायक गुरमीत सिंह कुन्नूर के निधन के कारण चुनाव स्थगित कर दिया गया है।
5 करोड़ से ज्यादा मतदाता
विधानसभा क्षेत्रों में कुल 51,507 मतदान केंद्रों पर कुल 5,26,90,146 मतदाता 183 महिला प्रतिभागियों सहित 1,875 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। निर्वाचन क्षेत्रों में सबकी निगाहें सरदारपुरा, टोंक, झालरापाटन, नाथद्वारा, झुंझुनू, झोटवाड़ा और चूरू समेत अन्य वीआईपी सीटों पर होंगी।
जोधपुर की सरदारपुरा सीट प्रमुख निर्वाचन क्षेत्रों की लिस्ट में है। यहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 1998 से इस सीट पर जीत हासिल कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस के गढ़ से महेंद्र सिंह राठौड़ को मैदान में उतारा है। वहीं झालावाड़ की झालरापाटन सीट से बीजेपी की उम्मीदवार और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे चुनाव लड़ रही हैं। यहां से बीजेपी 2003 से लगातार जीत हासिल कर रही है।
टोंक सीट से सचिन पायलट मैदान में
सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाली सीटों में टोंक सीट भी शामिल है, जहां कांग्रेस के धाकड़ नेता और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का मुकाबला बीजेपी के अजीत सिंह मेहता से होगा। पिछले विधानसभा चुनाव (2018 में) पायलट ने बीजेपी के यूनुस खान को 54,179 वोटों के अंतर से हराया था। दिलचस्प बात यह है कि इस बार यूनुस खान बीजेपी के बागी हैं। वह बीजेपी छोड़ने का ऐलान करने के बाद डीडवाना सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
इसके अलावा, राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के सामने लक्ष्मणगढ़ निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा के सुभाष महरिया होंगे। इधर, 2003 से बीजेपी का गढ़ रहे उदयपुर से ताराचंद जैन और कांग्रेस के गौरव वल्लभ के बीच मुकाबला होगा। गौरव कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता के तौर पर चर्चित रहे हैं। बीजेपी ने इस बार कई सांसदों को मैदान में उतारा है। इसमें दीया कुमारी, राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा, राज्यवर्धन राठौड़ और महंत बालकनाथ जैसे नाम शामिल हैं।
झोटवाड़ा सीट पर रोचक मुकाबला
झोटवाड़ा सीट पर बीजेपी ने कांग्रेस के अभिषेक चौधरी के खिलाफ पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ को मैदान में उतारा है। यह बड़ी सीट मानी जाती है। 2018 में इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी लालचंद कटारिया ने राठौड़ को हराया था। एक अन्य प्रमुख निर्वाचन क्षेत्र नाथद्वारा होगा, जहां से भाजपा ने राजस्थान विधानसभा के वर्तमान अध्यक्ष कांग्रेस के दिग्गज नेता सीपी जोशी के खिलाफ महाराणा प्रताप के वंशज विश्वराज सिंह मेवाड़ को मैदान में होंगे।
झुंझुनू में तीन बार के विधायक और कांग्रेस नेता बृजेंद्र ओला का मुकाबला भाजपा के निशित कुमार से होगा। पिछले विधानसभा चुनावों में ओला ने 76,177 वोटों से जीत हासिल की थी। चर्चित सीटों की लिस्ट में चूरू विधानसभा क्षेत्र का भी नाम शामिल है, जिसका प्रतिनिधित्व वर्तमान में भाजपा विधायक राजेंद्र राठौड़ कर रहे हैं। इस बार बीजेपी ने इस सीट से हरलाल सहारण को कांग्रेस के रफीक मंडेलिया के खिलाफ मैदान में उतारा है।
तारानगर से मैदान में होंगे राजेंद्र राठौड़
बीजेपी ने इस बार राठौड़ को तारानगर सीट से मैदान में उतारा है। इसके अलावा, भाजपा ने अलवर से लोकसभा सांसद महंत बालकनाथ को कांग्रेस उम्मीदवार इमरान खान के खिलाफ तिजारा निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतारने का फैसला किया है। जबकि बीजेपी के फायर ब्रांड नेता रहे ज्ञानदेव आहूजा के भतीजे जय आहूजा अलवर की रामगढ़ विधानसभा सीट से मैदान में होंगे। भरतपुर की डीग सीट से पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह के खिलाफ बीजेपी के दिवंगत नेता दिगंबर सिंह के बेटे शैलेश मैदान में हैं।
45 बागी उम्मीदवार मैदान में
हालांकि कई नेताओं के टिकट कटने के बाद समझाइश के बाद भाजपा और कांग्रेस के कई बागी प्रत्याशियों ने अपना नाम वापस ले लिया था, लेकिन अभी भी दोनों पार्टियों के करीब 45 बागी उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें विधायक, पूर्व विधायक और पार्टी पदाधिकारी भी शामिल हैं। झोटवाड़ा विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा 18 उम्मीदवार हैं। इसके बाद राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ और पुष्कर में 17-17 उम्मीदवार हैं। पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में इस बार 419 कम उम्मीदवार मैदान में हैं। पिछली बार 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कुल 2,294 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई थी।
शहरी क्षेत्रों में 10,501 और ग्रामीण क्षेत्रों में 41,006 पोलिंग सेंटर
मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता के अनुसार, प्रदेश में कुल 36,101 स्थानों पर मतदान केंद्र बनाए गए हैं। जानकारी के अनुसार, शहरी क्षेत्रों में कुल 10,501 और ग्रामीण क्षेत्रों में 41,006 पोलिंग सेंटर बनाए गए हैं। कुल 26,393 मतदान केंद्रों पर लाइव वेबकास्टिंग होगी। ''मतदान के लिए 65,277 बैलेट यूनिट, 62,372 कंट्रोल यूनिट और रिजर्व सहित 67,580 वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा।
कड़ी होगी सुरक्षा
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए कुल 1,02,290 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। कुल 69,114 पुलिस कर्मियों, 32,876 राजस्थान होम गार्ड, फॉरेस्ट गार्ड और आरएसी कर्मियों की तैनाती की गई है। इसके साथ ही सीएपीएफ की 700 कंपनियां तैनात की गई हैं। पिछली बार कांग्रेस ने 99 सीटें जीतीं, जबकि भाजपा ने 73 सीटों पर कब्जा जमाया था। इसके बाद कांग्रेस ने बसपा विधायकों और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई थी।
ये भी पढ़ें: Rajasthan: मतदान से पहले भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस में भिड़ंत, थाने में मचा बवाल