Who Is Ravneet Singh Bittu : देश में नई सरकार का गठन हो गया। नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार केंद्र की कमान संभाल ली। पंजाब में भारतीय जनता पार्टी का खाता तक नहीं खुला, लेकिन हार के बाद भी रवनीत सिंह बिटटू को दोस्ती का 'खूबसूरत' तोहफा मिला। पंजाब में कई दिग्गज नेता होने के बाद भी मोदी कैबिनेट के लिए बिट्टू को ही क्यों चुना गया? आइए जानते हैं कि कौन हैं रवनीत सिंह बिट्टू? जिसने किया वादा अमित शाह ने पूरा किया।
मोदी कैबिनेट में शामिल होने वाले मंत्रियों में सबसे चौंकाने वाला नाम रवनीत सिंह बिट्टू का है, जिन्होंने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। अब बड़ा सवाल उठता है कि पंजाब में भाजपा के कई बड़े नेता हैं, जैसे पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी और पटियाला की पूर्व सांसद परनीत कौर, अमृतसर से हारने वाले पूर्व राजनयिक तरनजीत सिंह संधू, बठिंडा से हारने वाली पूर्व आईएएस अधिकारी परमपाल कौर सिद्धू और फरीदकोट से हारने वाले गायक हंस राज हंस। इसके बाद भी बिट्टू को क्यों मंत्री बनाया गया?
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लुधियाना से भले ही बिट्टू (48) चुनाव हार गए, लेकिन लेकिन अमित शाह ने अपना वादा निभाया। लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान अमित शाह ने 26 मई को पंजाब के लुधियाना में एक जनसभा को संबोधित किया, जहां उन्होंने कहा था कि ये रवनीत सिंह बिट्टू मेरा दोस्त है। पांच साल से मेरा दोस्त बना है। ये रवनीत बिट्टू को लुधियाना से दिल्ली की संसद में भेजिए, इसको बड़ा आदमी बनाने का काम मैं करूंगा।
राजनीतिक रूप से बंटा बिट्टू का परिवार
लुधियाना जिले के कोटला अफगाना गांव से ताल्लुक रखने वाले रवनीत सिंह बिट्टू पंजाब के दिवंगत पूर्व सीएम बेअंत सिंह के पौत्र हैं। उनके भाजपा में शामिल होने से परिवार राजनीतिक रूप से बंट गया है। उनके चाचा तेज प्रकाश सिंह कांग्रेस सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री थे, जबकि उनके चचेरे भाई गुरकीरत कोटली दो बार विधायक और कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। दोनों अभी कांग्रेस में हैं और उन्होंने लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए प्रचार भी किया था।
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पूर्व कांग्रेस नेता रवनीत सिंह बिट्टू तीन बार सांसद रह चुके हैं। उन्होंने पहली बार 2009 में आनंदपुर साहिब से चुनाव जीता था। इसके बाद वे 2014 और 2019 में लुधियाना से सांसद बने थे। लोकसभा चुनाव से पहले बिट्टू भाजपा में शामिल हुए थे, लेकिन इस बार वे चुनाव हो गए। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह ने लुधियाना से बिट्टू को 20,000 वोटों के अंतर से हरा दिया।