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‘मान’ की न मानें बेईमान: बिजली चोरों ने इस तरकीब से लगाया PSPCL को 1600 करोड़ का चूना; नहीं काम आ रही मुफ्त की 300 यूनिट्स

Punjab Electricity Theft, चंडीगढ़: पंजाब सरकार द्वारा पिछले साल से पूरे राज्य में 300 यूनिट बिजली मुफ्त दी जा रही है, लेकिन बावजूद इसके लोग हैं कि बिजली चोरी से बाज ही नहीं आ रहे हैं। लोगों की चोरी की बिजली से घर को रौशन करने की छोटी सोच प्रदेश की सरकार और प्रदेश के […]

Punjab Electricity Theft, चंडीगढ़: पंजाब सरकार द्वारा पिछले साल से पूरे राज्य में 300 यूनिट बिजली मुफ्त दी जा रही है, लेकिन बावजूद इसके लोग हैं कि बिजली चोरी से बाज ही नहीं आ रहे हैं। लोगों की चोरी की बिजली से घर को रौशन करने की छोटी सोच प्रदेश की सरकार और प्रदेश के बिजली वितरण अदारे पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (PSPCL) के लिए लगातार मुश्किलें पैदा कर रही है। बिजली मीटर रीडर्स के साथ मिलकर प्रदेश के बिजली चोर PSPCL को 1600 करोड़ का चूना लगा चुके हैं, वहीं बड़ी बात यह है कि स्थानीय नेताओं के हस्तक्षेप के कारण पावरकॉम बिजली चोरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पा रहा है।

बिजली चोरी की वजह

नई रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब के लोग मुफ्त बिजली की सुविधा का लाभ लेने के लालच में बिजली चोरी कर रहे हैं। समय के साथ-साथ बिजली चोरी के तरिके भी बदल गए हैं, लोग अब मीटर रीडरों के साथ मिलकर धड़ल्ले से बिजली की चोरी कर रहे हैं। बिजली की अत्याधिक खपत के भी लोगों के घर का बिजली बिल दो महीने में 600 यूनिट के नीचे ही आ रहा है। ये आंकड़े साफ बताते हैं कि किस तरह से लोग पावरकॉम के मीटर रीडरों के साथ मिलकर बिजली यूनिट की रिडिंग को पीछे कर रहे हैं।

बिजली चोरी में मीटर रीडरों की मिलिभगत

पंजाब में पिछले एक साल में इसी हत्थकंडे का प्रयोग करके 2200 लाख यूनिट बिजली की चोरी की गई है। इसकी किमत 1600 करोड़ रुपए बताई जा रही हैं। पिछले कुछ महीनों में पावरकॉम की तरफ से 40 मीटर रीडरों के खिलाफ बिजली यूनिट पिछले को लेकर कार्रवाई की गई थी। इन रीडरों ने मीटरों के साथ छेड़छाड़ करके उनकी रीडिंग पीछे किया था। जब पावरकॉम की एन्फोर्समेंट टीमों की तरफ से चेकिंग की गई तो इन मीटर रीडरों की चोरी पकड़ी गई। यह भी पढ़ें: परिवार के साथ बैठी नाबालिग लड़की पर कुल्हाड़ी लेकर टूट पड़ा चचेरा भाई, फिर… सबसे ज्यादा चिंताजनक बात तो ये है कि पावरकॉम अधिकारियों के मुताबिक बिजली चोरी के दौरान 300 करोड़ की यह बढ़ोतरी हुई है। मुफ्त बिजली होने की वजह से पंजाब में इसकी की खपत लगातार तेजी से बढ़ रही है।

बिजली की खपत

इस दौरान कुल बिजली की खपत घाटा 11.60 प्रतिशत था। जिसमें से ज्यादा तरनतारन सर्कल में घाटा 34.67 फीसदी बिजली की रह, वहीं, मुक्तसर मेंऔर संगरूर सर्कल में सबसे कम बिजली की खपत घाटा 25.05 और 18.44 फीसदी रही। इसके अलावा फिरोजपुर में 31.95 प्रतिशत और अमृतसर सब अर्बन में 26.78 फीसदी बिजली की खपत हुई। पंजाब में बिजली चोरी को लेकर आल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के प्रवक्ता वीके गुप्ता ने कहा कि स्थानीय नेताओं के हस्तक्षेप के कारण पावरकॉम बिजली चोरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पा रहा है।


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