भारतीय विदेश मंत्रालय को आज रूस और यूक्रेन जंग के दौरान रूसी आर्मी में भर्ती हुए या लापता हुए पारिवारिक सदस्य मिले और 1 घंटे तक विदेश मंत्रालय के डायरेक्टर राजेश पांडे और अन्य अधिकारियों के साथ उनकी बातचीत हुई। इस मीटिंग में विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने पारिवारिक सदस्यों को आश्वासन दिया कि भारत सरकार द्वारा उनकी पूरी मदद की जाएगी। फिलहाल, जब तक जंग चल रही है, तब तक हालात के तहत कार्रवाई की जाएगी।
क्या कहते हैं परिवार के सदस्य?
पारिवारिक सदस्यों ने फर्जी ट्रैवल एजेंटों के बारे में जानकारी दी और सबूत विदेश मंत्रालय के अधिकारियों को दिए। जालंधर के जगदीप ने बताया कि विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि इस मामले को लेकर वे कार्रवाई करेंगे। वहीं, विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि जंग के दौरान रूसी आर्मी में भर्ती हुए या लापता हुए लोगों का पता लगवाने की कोशिश करेंगे। रूस-यूक्रेन जंग में रूसी आर्मी में काम करके आए अमृतसर के सरबजीत सिंह ने वहां के हालात को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए।
रूस में फंसे भारतीयों को लेकर परिजनों ने विदेश मंत्रालय से अधिकारियों से की मुलाकात @news24tvchannel #Punjab pic.twitter.com/6TK57BvQIs
— Deepti Sharma (@DeeptiShar24006) May 6, 2025
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कोई सहायता न मिलने को लेकर भी शिकायत
रूस जाकर आए पारिवारिक सदस्यों ने भारतीय विदेश मंत्रालय के अधिकारियों को रूस, मास्को, भारतीय एंबेसी से किसी प्रकार की कोई सहायता नहीं मिलने को लेकर भी शिकायत की। पंजाब के जालंधर, अमृतसर और मलेरकोटला के पारिवारिक सदस्यों सहित बाकी राज्यों के पारिवारिक सदस्यों ने बताया कि उनके नौजवान रूस-यूक्रेन जंग के दौरान फंसे हुए हैं, जिनके बारे में अभी तक अता-पता नहीं लग पाया है। हालांकि, विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन दिया है कि रूस-यूक्रेन जंग में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
2024 अप्रैल के महीने में गए थे रूस
अमृतसर के सरबजीत सिंह ने बताया कि वह रूस-यूक्रेन में रूसी आर्मी में भर्ती हुए थे। अमृतसर के सरबजीत सिंह ने बताया कि अप्रैल के महीने 2024 को वह रूस गए थे और उन्हें एक एजेंट द्वारा यह बात करके भेजा गया था कि वहां कोरियर का काम किया जाएगा, लेकिन उन्हें रूसी आर्मी में भर्ती करवा दिया गया। सरबजीत ने कहा कि वहां के हालात का सामना करते हुए बड़ी मुश्किल से भारत वापस आए हैं। मोदी सरकार का शुक्रिया अदा करते हैं, जिनके कारण यह संभव हो पाया। उन्होंने बताया कि वहां पर अभी तक कई लोग लापता हैं और आज विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात हुई है और उन्होंने उनका सहयोग करने का आश्वासन दिया है, लेकिन वह सरकार से अपील करते हैं कि जो लोग वहां पर लापता हुए हैं या रूसी आर्मी में भर्ती हुए हैं, उन्हें जल्द से जल्द वापस लाया जाए।
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