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फिर महसूस किए गए भूकंप के झटके, हिमाचल प्रदेश के मंडी में रहा केंद्र

हिमाचल प्रदेश: एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। इस बार हिमाचल प्रदेश के कुल्लू और मंडी जिले में इसका केंद्र रहा। बुधवार रात करीब 9:33 बजे जोगिंद्रनगर में जमीन के अंदर पांच किलोमीटर की गहराई पर इसका केंद्र था। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर […]

प्रतीकात्मक फोटो
हिमाचल प्रदेश: एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। इस बार हिमाचल प्रदेश के कुल्लू और मंडी जिले में इसका केंद्र रहा। बुधवार रात करीब 9:33 बजे जोगिंद्रनगर में जमीन के अंदर पांच किलोमीटर की गहराई पर इसका केंद्र था। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.1 रही। बताया जा रहा है कि पंजाब में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। अभी पढ़ें Weather Update: पहाड़ों पर लगातार बर्फबारी से दिल्ली-एनसीआर में बढ़ी ठंड, अगले 24 घंटे के लिए जारी हुआ ये अलर्ट     जानकारी के मुताबिक कुल्लू, भुंतर और मनाली में भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए। तीन से पांच सेकंड तक भूकंप के झटके महसूस हुए। इस दौरान लोग दहशत और ऑफिस और घरों से बाहर निकल आए। डीसी मंडी अरिंदम चौधरी ने कहा की कहीं से भी नुकसान की सूचना नहीं है। आगे हर जगह संपर्क कर जानकारी ली जा रही है। इससे पहले कांगड़ा में 4 अप्रैल, 1905 को 7.8 की तीव्रता से भूकंप आया था। जिसमें 20 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। इससे पहले 12 नवंबर को दिल्ली-एनसीआर में शनिवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। एक हफ्ते में यह दूसरी बार था जब भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। अभी पढ़ें Aaj Ka Mausam: अगले 24 घंटे इन राज्यों पर भारी, मौसम विभाग ने बारिश की जारी की ये चेतावनी

कितनी तीव्रता वाला भूकंप कितना खतरनाक

0 से 1.9- सिर्फ सिस्मोग्राफी से पता चलेगा। 2 से 2.9- हल्के झटके लगते हैं। 3 से 3.9- कोई तेज रफ्तार गाड़ी आपके बगल से गुजर जाए, ऐसा असर होता है। 4 से 4.9- खिड़कियां हिलने लगती है। दीवारों पर टंगे सामान गिर जाते हैं। 5 से 5.9- घरों के अंदर रखे सामान जैसे फर्नीचर आदि हिलने लगते हैं। 6 से 6.9- कच्चे मकान और घर गिर जाते हैं। घरों में दरारें पड़ जाती है। 7 से 7.9- बिल्डिंग और मकानों को नुकसान होता है। गुजरात के भुज में 2001 और नेपाल में 2015 में इतनी तीव्रता का भूकंप आया था। 8 से 8.9- बड़ी इमारतें और पुल धाराशायी हो जाते हैं। 9 और उससे ज्यादा- सबसे ज्यादा तबाही। कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे भी धरती हिलती हुई दिखेगी। जापान में 2011 में सुनामी के दौरान रिक्टर स्केल पर तीव्रता 9.1 मापी गई थी। अभी पढ़ें   देश से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें


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