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कौन हैं शिव प्रकाश? महाराष्ट्र में भाजपा की जीत के लिए तैयार की जमीन

बीजेपी नेता शिव प्रकाश ने महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पर्दे के पीछे रहकर भी पार्टी की जीत कारण बने। आइए इनके बारे में जानते हैं।

Shiv Prakash
Maharashtra Elections: महाराष्ट्र में NDA ने बड़ी जीत हासिल की है। इस जीत में भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश की बड़ी भूमिका है।  इन्होंने पर्दे के पीछे रहकर पार्टी को जीत दिलाई है। यह पहली बार नहीं है, इससे पहले मध्यप्रदेश में भी भाजपा की जीत का कारण रहे हैं। बता दें कि शिव प्रकाश महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के प्रभारी हैं। भाजपा की जीत के लिए वे लगातार कार्यकर्ताओं से बातचीत करते रहे और छोटी-छोटी मीटिंग का भी हिस्सा रहे। इसके चलते महाराष्ट्र में भाजपा की सत्ता में वापसी हुई है।

माइक्रो मैनेजमेंट आया काम

शिव प्रकाश  यूपी के मुरादाबाद के रहने वाले है और वे पहले संघ(आरएसएस) के क्षेत्र प्रचारक रह चुके हैं। भाजपा में आने के बाद भी वे संघ के साथ जुड़े रहे और माइक्रो मैनेजमेंट और बूथ मैनेजमेंट में अपना कौशल दिखाया। इसके साथ ही अपनी राजनीतिक सूझबूझ से वे असंतुष्ट कार्यकर्ताओं को मनाने का कौशल रखते हैं। इसकी झलक उन्होंने महाराष्ट्र में टिकट डिस्ट्रिब्यूशन के पहले ही दिखा दी थी, जब इसको लेकर लोगों में असंतोष को दूर किया था। उन्होंने  असंतुष्ट कार्यकर्ताओं से बात की और उन्हें चुनाव में काम पर लगाया। महाराष्ट्र की जीत ने शिवप्रकाश के कद को और बढ़ा दिया है। [caption id="attachment_965574" align="alignnone" ] Shiv Prakash[/caption]

पर्दे के पीछे रहकर किया काम

शिव प्रकाश ने पर्दे के पीछे रहकर अपनी भूमिका निभाई है। इसके लिए वे लगातार रणनीति बनाते रहे, संघ और भाजपा के बीच समन्वय का काम करते रहे, जिससे पार्टी की जीत को दिशा मिली है। इसके साथ ही शिव प्रकाश लगातार पूरे सूबे के दौरा पर रहें ताकि ग्राउंड लेवल पर भी पार्टी के लिए जमीन तैयार की जा सके। इतना ही नहीं  महाराष्ट्र में बड़े नेताओं के बीच के कॉ-ऑर्डिनेशन में भी शिव प्रकाश की बड़ी भूमिका है। मुंबई को अपने काम का केंद्र बनाकर शिव प्रकाश लगातार छोटी-छोटी मीटिंग का हिस्सा बने रहे और कार्यकर्ताओं से भी बातचीत करते रहे। इसके साथ ही कार्यकर्ताओं के फीडबैक और डिटेल को भाजपा के उच्च अधिकारियों तक भी पहुंचाते रहे, ताकि पार्टी इसके अनुसार तैयार रहे। इसके अलावा पहले भी वे पार्टी की जीत में अपनी समझ और योगदान पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड  के लिए दिखा चुके हैं। यह भी पढ़ें - RSS के अतुल लिमये कौन? जिन्हें बताया जा रहा ‘महायुति’ की जीत का अहम ‘सूत्रधार’


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