Uttar Pradesh Ayodhya mandir Good news for Maharashtrian: अयोध्या के राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की तिथि सामने आ चुकी हैं। यह दुनियाभर के रामभक्तों के लिए खुशखबरी है। 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला को विराजमान करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आएंगे। उन्हें इसके लिए स्पेशली बुलाया गया है और वे रामलला की स्थापना में अहम भूमिका निभाएंगे। वहीं, महाराष्ट्र भाजपा राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद राज्यों के लोगों को रामलला का दर्शने कराने के लिए 'चलो अयोध्या अभियान' चलाएगी।
पार्टी ने प्रदेश के लोगों को अयोध्या ले जाने की बनाई योजना
जानकारी के अनुसार, अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के बाद राज्य के लोगों को रामलला के दर्शन कराने के लिए महाराष्ट्र भाजपा 'चलो अयोध्या अभियान' चलाएगी। इसके लिए अभियान की तैयारी शुरू कर दी गई है। महाराष्ट्र प्रदेश भाजपा अध्यक्ष कास चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि पार्टी ने प्रदेश के लोगों को अयोध्या ले जाने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद राज्य के आम लोगों को दर्शन के लिए अयोध्या ले जाने की तैयारी की गई है। इसकी विशेष जिम्मेदारी प्रदेश भाजपा उत्तर भारतीय मोर्चा के अध्यक्ष संजय पांडेय दी गई है।
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पीएम मोदी को दिया निमंत्रण
बता दें कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने पीएम मोदी को निमंत्रण दिया था। प्रधानमंत्री के अलावा इस कार्यक्रम में करीब 6500 गणमान्य लोग शामिल होंगे। साथ ही 4000 संत- महात्मा और समाज के 2500 प्रतिष्ठित महानुभाव उपस्थित रहेंगे। आपको बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संचालक मोहन भागवत और उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ भी कार्यक्रम में शामिल होंगे।
राम मंदिर में रामलला की 2 मूर्तियां स्थापित की जाएंगी। इनमें एक स्थायी रूप से गर्भगृह में विराजमान रहेगी। दूसरी मूर्ति को विशेष अवसर पर मंदिर से बाहर ले जाया जा सकेगा। जबकि अचल मूर्ति की कुल ऊंचाई 8.5 फीट होगी। मूर्ति में रामलला का धनुष, तीर व मुकुट अलग से बनाकर लगाया जाएगा। मूर्ति की ऊंचाई वैज्ञानिक के मत के आधार पर तय की गई है। हर रामनवमी पर रामलला के मुख पर सूर्य की किरणें पड़ सकें, इसको लेकर वैज्ञानिकों के सुझाव पर ही मूर्ति की कुल ऊंचाई 8.5 फीट तय की गई है।
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