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Maharashtra Politics: एक पिता की 268 संतानें? पनवेल मतदाता सूची में बड़ा घोटाला, चुनाव आयोग तक पहुंची शिकायत!

Panvel voter list major scam: मुंबई से सटे पनवेल महानगरपालिका क्षेत्र में मतदाता सूची से जुड़ा बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. प्रभाग क्रमांक 2 की वोटर लिस्ट में एक ही पिता के नाम पर 268 ‘बच्चों’ की एंट्री दर्ज पाई गई है. अधिकतर युवक उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के हैं. इस खुलासे के बाद राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मचा हुआ है.

Panvel voter list major scam: 268 वोटरों का एक ही ‘पिता’, न पता सही न दस्तावेज़! शेतकरी कामगार पार्टी के स्थानीय नेता अरविंद म्हात्रे ने मतदाता सूची की जांच की और यह चौंकाने वाला आंकड़ा सामने लाया. जिसके अनुसार इन 268 नामों में अधिकतर युवक उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के हैं, उनका पनवेल में रहन-सहन हैं न ही दिए गए पते से उनका कोई संबंध है,इससे मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर धांधली की आशंका गहरा गई है. म्हात्रे का आरोप है कि लोकतंत्र का खुलेआम दुरुपयोग हो रहा है. इस तरह बाहरी लोगों को मतदाता सूची में शामिल कर चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है. राज्य निर्वाचन आयोग तात्कालिक कार्रवाई करे.

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इस मामले में महाराष्ट्र नव निर्माण सेना की एंट्री.

इस मुद्दे पर अब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) भी आक्रामक हो गई है.पार्टी ने अपने आधिकारिक 'X' अकाउंट पर लिखा “अगर ये फर्जी 268 वोटर मतदान करने पहुंचे तो मनसे कार्यकर्ता मैदान में उतरकर कार्रवाई करेंगे.और उनको वोट नहीं डालने देंगे. मनसे ने पनवेल तहसीलदार मीनल भोसले से तुरंत स्पष्टीकरण मांगा है और चेताया है कि चुनाव आयोग के कर्मचारियों की भूमिका सामने आई, तो उन पर भी कार्रवाई होगी.

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चुनावी ईमानदारी पर बड़ा सवाल

महाराष्ट्र में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी को लेकर विपक्ष महाराष्ट्र चुनाव आयोग की टीम से बार-बार मिल रहा है विपक्ष का आरोप है कि सिर्फ मुंबई में 11 लाख डबल वोटर हैं ,ऐसे में पनवेल में इस खुलासे के बाद राजनीति में हलचल बढ़ गई है.कई सवाल अब सीधे चुनावी पारदर्शिता पर उठ रहे हैं,क्या मतदाता सूची में सुनियोजित फर्जीवाड़ा हुआ?और इसमें स्थानीय प्रशासन की संलिप्तता है?क्या यह वोटों को प्रभावित करने की सोची-समझी साजिश है? लोगों ने मामले की तत्काल जांच की मांग की है. उधर, सोशल मीडिया पर भी इस घोटाले को लेकर लोगों में कड़ी नाराज़गी देखने को मिल रही है.

अब निगाहें चुनाव आयोग पर

सबकी निगाहें अब राज्य निर्वाचन आयोग पर हैं. क्या वोटर लिस्ट को शुद्ध किया जाएगा? क्या जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी?जनता जवाब की इंतज़ार में है, क्योंकि बात सिर्फ 268 नामों की नहीं…
लोकतंत्र की साख की है.

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