महाराष्ट्र में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच बयानबाजी में विरोधाभास सामने आया है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुलढाणा में सख्त लहजे में कहा था कि महाराष्ट्र में पाकिस्तान के 107 नागरिक छिपे हुए हैं। शिंदे ने चेतावनी देते हुए कहा कि महाराष्ट्र में जो लोग छिपे हुए हैं, उन्हें तुरंत देश छोड़ देना चाहिए, नहीं तो हम उन्हें खोज निकालेंगे और जहां मिलेंगे, वहीं पर ठोक देंगे। उनका यह बयान सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार की गंभीरता को दर्शाता है।
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इसके कुछ ही समय बाद पुणे में मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री और गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे देवेंद्र फडणवीस ने शिंदे के बयान से खुद को अलग करते हुए स्थिति को स्पष्ट किया। फडणवीस ने कहा कि मैं आपको गृह मंत्री के तौर पर कह रहा हूं, इस पर उल्टी-सीधी खबरें मत फैलाइए। एक भी पाकिस्तानी नागरिक लापता नहीं है। राज्य में जितने भी पाकिस्तानी नागरिक हैं, वे सभी पकड़ लिए गए हैं। सभी को बाहर भेजा जा रहा है, इसको लेकर पुख्ता व्यवस्था कर ली गई है।
प्रदेश में राजनीतिक हलचल तेज
फडणवीस ने कहा कि राज्य में एक भी पाकिस्तानी नागरिक नहीं रहेगा। आज शाम तक या कल तक सभी नागरिकों को वापस भेज दिया जाएगा। सीएम और डिप्टी सीएम के इन विरोधाभासी बयानों ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। सवाल यह भी उठने लगे हैं कि क्या सरकार के भीतर तालमेल की कमी है या फिर आतंकी घटनाओं के बाद बढ़ते दबाव के चलते बयानबाजी में जल्दबाजी की जा रही है?
250 लोगों की वापसी की प्रक्रिया शुरू
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र में जितने भी पाकिस्तानी नागरिक मौजूद हैं, उन लोगों के पास अलग-अलग श्रेणियों के वीजा हैं। कुछ नागरिक लॉन्ग टर्म वीजा और सालाना वीजा रिन्यूअल पर भारत आए हैं। कुछ नागरिक ऐसे हैं, जो पाकिस्तानी पासपोर्ट सरेंडर कर भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर चुके हैं। ये लोग भारत में शादी कर रहने वाले नागरिक हैं। इसके अलावा लगभग 250 पाकिस्तानी नागरिक शॉर्ट टर्म वीजा पर राज्य में आए थे, जिनकी वापसी की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
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