Maharashtra political crisis: महाराष्ट्र की राजनीति में महायुति के साथ सब ठीक नहीं चल रहा. अजित पवार गुट के दो मंत्रियों को एक साल के भीतर अपनी कुर्सियां गंवानी पड़ी हैं. सबसे पहले बीड के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के मामले में धनंजय मुंडे को इस्तीफा देना पड़ा, उसके कुछ महीने बाद ही हाउसिंग फ्लैट घोटाले में मंत्री माणिकराव कोकाटे से खेल विभाग छीन लिया गया है. कोकाटे अब बिना विभाग के मंत्री हैं. उनका भविष्य अब शुक्रवार को होने वाले बॉम्बे हाई कोर्ट के सुनवाई पर टिकी हुई है. अगर राहत नहीं मिलती है तो कोकाटे को राजीनामा देने साथ साथ सलाखों के पीछे भी जाना पड़ सकता है.
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कोकाटे की सजा बरकरार रहने से गंवाई कुर्सी
नाशिक के सिन्नर से पांच बार के विधायक एनसीपी अजित पवार गुट के कद्दावर नेता माणिक राव कोकाटे 28 साल पुराने मामले में कुर्सी गंवानी पड़ी है. नाशिक के सेशन कोर्ट ने माणिकराव कोकाटे की सजा को बरकरार रखा है. कोर्ट ने कोकाटे की सजा को बरकरार रखा है, जिसके बाद विपक्ष ने फडणवीस सरकार पर माणिकराव के इस्तीफे का दबाव बनाना शुरू कर दिया. सीएम फडणवीस ने राज्यपाल को खत लिखकर कोकाटे के पास मौजूद खेल मंत्रालय सहित अन्य सभी विभाग अप मुख्यमंत्री अजीत पवार को सौंपने की सिफारिश कर दी, जिसे राज्यपाल ने तुरंत मंजूर कर दिया.
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धनंजय मुंडे और अमित शाह की मुलाकात
कोकाटे को मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाने के बाद सरकार ने विपक्ष को आड़े हाथ लिया है. महाराष्ट्र भाजपा के मुख्य प्रवक्ता नवनाथ बन का कहना है कि फडणवीस सरकार किसी को नहीं बचाती है. कोर्ट के आदेश के बाद जरूरी कार्रवाई की जाएगी. दूसरी तरफ धनंजय मुंडे द्वारा मंत्री मंडल दुबारा शामिल होने के सवाल पर भाजपा के स्पष्ट किया है कि धनंजय मुंडे और अमित शाह की मुलाकात मंत्रिमंडल के संबंध में नहीं थी. मंत्री मंडल में किसे शामिल करना है किसे नहीं, इसपर निर्णय लेने का अधिकार मुख्यमंत्री का है. भाजपा कोई भी निर्णय जल्द बाजी में नहीं लेती है.
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कोकाटे मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती
28 साल पुराने फ्लैट घोटाले में नाशिक के सेशन कोर्ट ने माणिकराव कोकाटे उनके भाई को 2 साल की कैद और 10 हजार रुपया के जुर्माने की सजा को बरकरार रखा है. उनके वकील ने अदालत को बताया है कि कोकाटे की तबियत असहज है और अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं. जानकारी के मुताबिक कोकाटे मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती हैं. शुक्रवार को अगर उन्हें बॉम्बे हाई कोर्ट से राहत भी मिली तो अपना इस्तीफ अजित पवार को सौंप देंगे. इतना ही नहीं अगर उन्हें राहत नहीं मिलती है तो उनकी गिरफ्तारी भी अटल है.
कोकाटे का सियासी भविष्य कोर्ट के फैसले पर टिका
कोकाटे का सियासी भविष्य बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले पर टिकी हुई है. उनसे उनका विभाग तो छीन लिया गया है. गिरफ्तारी के साथ साथ अगर उनके विधानसभा की सदस्यता पर अब खतरा मंडरा रहा है. उनके विधायकी रद्द होने के सवाल पर विधानसभा के सचिवालय की तरफ से कहा गया है कि कोर्ट आदेश की कॉपी आने के बाद ही उसपर कोई निर्णय लिया जाएगा. जनप्रतिनिधि कानून कहता है कि अगर किसी सांसद या फिर विधायक को दो साल या फिर उसे ज्यादा कि सजा सुनवाई जाती है तो उनकी सदस्यता रद्द कर दी जाएगी. जैसे साल 2023 में कांग्रेस पार्टी के सांसद राहुल गांधी के साथ हुआ था. मानहानि केस में सूरत ने कोर्ट की सजा सुनाई थी, जिसके बाद लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की सदस्यता रद्द कर दी.
कैबिनेट की बैठक से गायब रहे थे कोकाटे
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक माणिकराव कोकाटे के संदर्भ में बुधवार को उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने वर्षा पर जाकर सीएम देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात भी की थी. जानकारी मुताबिक मुख्यमंत्री ने अजित पवार से सीधा सवाल पूछा है कि अगर कोकाटे के खिलाफ कार्रवाई होती है तो उनका मंत्रालय किसे दिया जाए. आपको बता दें कि कोकाटे बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में भी नहीं पहुंचे थे . आपको बता दें कि माणिकराव कोकाटे के ऊपर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने साल 1997-98 में जालसाझी और फर्जी दस्तावेज के जरिए नाशिक में मुख्यमंत्री कोटे से कई फ्लैट अलॉट करवाए थे.
इस मामले में उनके खिलाफ पूर्व मंत्री दिघोले ने शिकायत दर्ज करवाई थी. कोकाटे की सजा को सेशन कोर्ट द्वारा बरकरार रखने के बाद विपक्ष ने मुख्यमंत्री फडणवीस और अजित के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. विपक्ष की मांग है कि जल्द से जल्द कोकाटे पर कार्रवाई कर उन्हें मंत्री पद से हटाने के अलावा उनकी विधायकी को रद्द किया जाए.
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