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महाराष्ट्र चुनाव से पहले महायुति में रार! शिवसेना की ‘बुर्का पॉलिटिक्स’ से बीजेपी खफा, विपक्ष ने उठाए सवाल

Maharashtra Burqa Politics : महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले बुर्का पॉलिटिक्स की एंट्री हो गई। इस मामले में महायुति के घटक दल आमने-सामने आ गए। विपक्ष ने सरकार के खिलाफ निशाना साधा है। आइए जानते हैं कि क्या है पूरा मामला?

महाराष्ट्र में बुर्का पॉलिटिक्स।
Maharashtra Burqa Politics : महाराष्ट्र में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले राज्य की सियासत में बुर्के की एंट्री हो गई, जिससे बवाल मच हुआ है। यह विवाद महायुति की दो पार्टियों के बीच में है। शिंदे की सेना द्वारा मुस्लिम महिलाओं को बुर्का बांटते ही भाजपा इसके विरोध में आ गई। ऐसे में सवाल है कि क्या सीएम एकनाथ शिंदे भी मुस्लिम वोटरों पर नजर गड़ाए हुए हैं? हालांकि, शिवसेना की यह पहल गठबंधन की मुख्य पार्टी भाजपा को रास नहीं आई। इस पर शिवसेना (UBT) ने भी कटाक्ष करते हुए कहा कि उनके 40 विधायकों को बुर्के की जरूरत पड़ेगी। लोकसभा चुनाव में अल्पसंख्यक समुदाय की एकतरफा वोटिंग की वजह से कई सीटों पर महायुति के उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा था। विधानसभा चुनाव से पहले मुस्लिम वोटरों को रिझाने के लिए शिंदे गुट की विधायक यामिनी यशवंत जाधव ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में मुस्लिम महिलाओं को बुर्के दिए। जहां विपक्ष ने इस पर शिवसेना की विधायक पर तंज कसा तो वहीं भारतीय जनता पार्टी के मुंबई अध्यक्ष और विधायक आशीष शेलार ने इसपर आपत्ति जताई। आशीष शेलार ने कहा कि वैसे तो उन्हें इसके बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन ऐसा है तो यह बिल्कुल भी मंजूर नहीं होगा। यह भी पढे़ं :महाराष्ट्र में गैस लीक से ‘हाहाकार’, दहशत में लोग; क्यों सता रहा भोपाल त्रासदी का डर? संजय राउत ने कसा तंज दरअसल, बीते शनिवार को शिवसेना नेता यामिनी जाधव ने मुंबई के भायखला इलाके में मुस्लिम महिलाओं को बुर्का बांटा था। उन्होंने मुस्लिम महिलाओं को 1000 बुर्के दिए। उनके बुर्का बांटने पर शिवसेना (UBT) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने तंज कसते हुए कहा कि उनके (शिवसेना) जो 40 विधायक हैं, उनमें भी बुर्का बांटा जाना चाहिए, क्योंकि आने वाले दिनों में चुनाव लड़ने के लिए उनको बुर्का की जरूरत पड़ेगी। कांग्रेस ने बुर्का बांटने को बताया ढोंग कांग्रेस ने भी बुर्का बांटने को ढोंग करार दिया। दक्षिण मुंबई से कांग्रेस विधायक अमीन पटेल ने सवाल किया कि बुर्का बांटकर क्या साबित करना चाहते हैं? पैगम्बर मोहम्मद का अपमान करने वाले आप लोग हैं? ट्रेन में बीफ तस्करी का झूठा आरोप लगाकर मासूम शख्स की पिटाई करने पर चुप्पी साध ली जाती है, आपके ही विधायक मस्जिद में घुसकर मारने की बात करते हैं, कॉलेज में हिजाब बैन की मांग करने वाले बुर्का बांटकर क्या साबित करना चाहते हैं। अगर हिम्मत है तो हिजाब का समर्थन कर दीजिए। मुस्लिम महिलाओं को बुर्का बांटने पर शिंदे गुट की ओर से भी सफाई दी गई। शिंदे की शिवसेना ने कहा कि सीएम ने आम लोग और गरीबों के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की है। बिना भेदभाव के फिर चाहे लाड़ली बहन योजना हो या फिर कोई अन्य योजना, हर किसी को इसका फायदा मिल रहा है। वे जातपात और धर्म में अंतर नहीं करते हैं और लोगों की सेवा करते हैं। यह भी पढे़ं : महाराष्ट्र के ताजा सर्वे में किसकी बन रही सरकार? सामने आए चौंकाने वाले नतीजे शिवसेना ने दी सफाई यामिनी जाधव ने सफाई देते हुए कहा कि भाजपा की राय अलग हो सकती है, लेकिन उनके निर्वाचन क्षेत्र में 50 फीसदी मतदाता मुसलमान हैं। उनके पति यशवंत जाधव पार्षद के रूप में पिछले 30 साल से क्षेत्र की सेवा कर रहे हैं। वे दिवाली के दिन हिंदू महिलाओं को तोहफा देते हैं, लेकिन मुसलमानों को कुछ नहीं देते हैं, इसलिए लगा कि उनके लिए भी कुछ करना चाहिए।


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