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कहां पाए जाते हैं दुर्लभ प्रजाति के जानवर ‘सिल्वर गिब्बन’? जिन्हें तस्करी करके बैंकॉक से लाया गया भारत

Silvery Gibbon Animal Trafficking: दुर्लभ प्रजाति के जानवर सिल्वरी गिब्बन को तस्करी करके बैंकॉक से भारत लाया गया है, जिनमें से एक जानवर की मौत हो गई और एक जिंदा मिला है. जानवरों को कब्जे में लेकर तस्कर को गिरफ्तार कर लिया गया है. आइए इस जानवर के बारे में जानते हैं...

दुर्लभ प्रजाति के जानवर सिल्वरी गिब्बन इंडोनेशिया के जावा द्वीप पर पाए जाते हैं.

Animal Trafficking Mumbai Airport: भारत में वन्यजीव तस्करी का एक और मामला सामने आया है. मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट (CSMIA) पर पशु तस्करों को पकड़ा गया है, जिनसे दुर्लभ प्रजाति के जानवर 2 सिल्वरी गिब्बन बरामद हुए हैं. बैंकॉक से शख्स से जानवर बरामद हुए, जो उन्हें ट्रॉली बैग में छिपाकर लाया था. एक जानवर मृत अवस्था में था और दूसरा जिंदा मिला. पुलिस ने दोनों जानवरों को कब्जे में लेकर पशु तस्कर को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी मलेशिया-बैंकॉक तस्करी गिरोह का मेंबर है.

कहां पाए जाते हैं सिल्वरी गिब्बन?

बता दें कि सिल्वरी गिब्बन को जावन गिब्बन भी कहा जाता है, जो इंडोनेशिया के जावा द्वीप पर पाए जाते हैं. वर्षा वनों में रहने वाला यह जानवरी लुप्तप्राय प्रजाति का जानवर है, जिनकी दुनियाभर में करीब 2500 आबादी है. इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेटिव ऑफ नेचर (IUCN) इन जानवरों को साल 2008 में अपनी रेड लिस्ट एड किया था. इनका वजन करीब 8 किलो और हाथों की उंगलिया लंबी और घुमावदार होती हैं.

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दिन में घूमने और वृक्षों पर रहने वाले गिब्बन हर 3 साल में एक बच्चे को पैदा करते हैं और सिर्फ 7 महीने की प्रेग्नेंसी होती है. 18 महीने तक दूध पीने के बाद 8 से 10 की उम्र तक ही बेबी गिब्बन परिवार में रहते हैं और फिर खुद जंगल में घूमते रहते हैं. ये फल-पत्ते और फूल खाते हैं. सिल्वरी गिब्बन जोड़ों में रहते हैं और इनकी तस्करी पालतू जानवर के रूप में की जाती है. अगले 10 साल के अंदर इनके लुप्त हो जाने की संभावना जताई गई है.

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पशु तस्करी अवैध और कानूनी गुनाह

बता दें कि भारत समेत दुनियाभर के कई देशों में पशु तस्करी अवैध और कानूनन गुनाह है. वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 और सीमा शुल्क अधिनियम 1962 के तहत पशु तस्करी करने पर 7 साल तक की जेल की सजा हो सकती है. भारतीय नीति के अनुसार, जीवित पशुओं का लाने और ले जाने के लिए विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) का लाइसेंस, मुख्य वन्यजीव वार्डन और MoEF&CC से NOC, परमिट और पशु संगरोध प्रमाण पत्र होना चाहिए.

पिछले 3 माह में पशु तस्करी के मामले

बता दें कि गत 15 सितंबर मे मुंबई एयरपोर्ट पर ही थाइलैंड से आए शख्स से 67 विदेशी जानवर बरामद हुए थे, जो ट्रॉली बैग में छिपाकर लाए गए थे. 12 अगस्त के 3 यात्रियों को करोड़ों की ड्रग्स और प्रतिबंधित जानवरों के साथ पकड़ा गया था. 9 अगस्त को बैंकॉक से आए यात्री के बैग से 40 से ज्यादा पीले कछुए, चूहे, हनी बियर आदि बरामद हुए थे, जो दुर्लभ प्रजाति के जानवर थे और भारत में नहीं पाए जाते.

11 जुलाई को मुंबई एयरपोर्ट पर ही 2 यात्रियों से 20 से ज्यादा दुर्लभ प्रजातियों के खरगोश, ग्रेट हॉर्न्ड ओवल, तोते, कछुए आदि बरामद हुए थे. 5 जुलाई को भी थाइलैंड से आए शख्स के बैग से 45 से ज्यादा जंगली और जहरीले जानवर मिले थे, जिनमें से कई जानवरों की दम घुटने से मौत तक हो गई थी. 3 जून 2025 को भी बैंकॉक से आए भारतीय यात्री से 47 विषैले सांप और 5 कछुए बरामद किए गए थे.

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दुनिया में तस्करी किए जाने वाले जानवर

बता दें कि दुनिया में सबसे ज्यादा तस्करी किए जाने वाले जानवरों में जीवित सरीसृप जैसे कछुएं, यूरोपीय ईल , गुआनाको, गोरिल्ला, ओरंगुटान, हाथी, बाघ, गैंडे, मृग, पैंगोलिन, मूंगा, पक्षी, शार्क और स्टर्जन शामिल हैं. वहीं इनमें सबसे ज्यादा पैंगोलिन की तस्करी होती है, क्योंकि पैंगोलिन के शल्क पारंपरिक चिकित्सा पद्धति में इस्तेमाल किए जाते हैं. चीन और वियतनाम में इनका मांस खाया जाता है, क्योंकि चीन में पैंगोलिन विलुप्त हो चुके हैं, इसलिए इन जानवरों का आयात किया जाता है और ज्यादातर आयात अवैध तरीके से ही किया जाता है.


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