Ajit Pawar Super Exclusive Interview: बटेंगे तो कटेंगे यूपी में चलता होगा...महाराष्ट्र में ये सब नहीं चलेगा। महाराष्ट्र में सभी धर्म के लोग एक साथ रहते हैं, यहां अलग विचारधारा के लोग हैं। ये सब बातें एनसीपी (अजित पवार) के नेता और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम Ajit Pawar ने न्यूज 24 से 'Super Exclusive' इंटरव्यू में मानक गुप्ता से कहीं। पूछने पर मुस्लिम वर्ग आपको वोट क्यों देगा? अजित पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में अंबेडकर की विचाराधारा के लोग हैं, यहां यूपी जैसा नहीं चलता।
आगे अजित पवार ने कहा कि हम महाविकास अघाड़ी से आगे जाएंगे और राज्य की 175 से अधिक विधानसभा सीट जीतेंगे। बता दें महाराष्ट्र में कुल 288 विधानसभा सीटें हैं, यहां 20 नवंबर को वोटिंग होगी और 23 नवंबर को मतगणना होनी है।
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महायुति गठबंधन के नेता तय करेंगे कौन बनेगा CM?
न्यूज 24 के मानक गुप्ता से 'चाय वाला इंटरव्यू' में अजित पवार ने कहा कि हमारी सरकार ने महाराष्ट्र में जनहित की कई योजनाएं लागू की, जिसमें किसानों, महिलाओं, युवा समेत सभी वर्ग को शामिल किया है। सीएम कौन बनेगा? यह पूछने पर अजित पवार ने कहा कि हम तीनों पार्टियां साथ बैठेंगी, महायुति गठबंधन के सभी नेता चर्चा करेंगे, फिर सीएम का निर्णय होगा।
क्या MVA में वापिस जाएंगे अजित पवार?
क्या अजित पवार MVA में वापिस जाएंगे? यह पूछने पर डिप्टी सीएम ने कहा कि ऐसा नहीं होगा, महायुति गठबंधन के ज्यादा से ज्यादा विधायक जीताकर लाना मेरा लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि महायुति गठबंधन बहुमत में आएगी और हम सरकार बनाएंगे। दाऊद इब्राहिम से संबंध रखने का आरोप झेल रहे नवाब मलिक को टिकट देने पर उन्होंने कहा कि जब तक किसी के ऊपर लगे आरोप साबित नहीं होते तब तक हम किसी को दोषी नहीं मान सकते।
क्या चक्की पीसिंग वाले आरोपों पर देवेंद्र फडणवीस से नाराज हैं?
हमारी पार्टी ने सोशल इंजीनियरिंग की है और हमने महाराष्ट्र में एसटी, एससी, ओबीसी और अल्संख्यक समेत सभी वर्गों को टिकट दिया है। क्या चक्की पीसिंग वाले आरोपों पर आप बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस से नाराज हैं? इस पर अजित पवार ने कहा कि आरोप-प्रत्यारोप तो हो जाते हैं। इन आरोपों के बाद ईडी समेत कई एजेंसियों ने जांच की, जिसमें कुछ साबित नहीं हुआ। उनका कहना था कि महाराष्ट्र में एक पार्टी सरकार नहीं चला सकती, यहां की अलग परिस्थितियां हैं।
क्या देश में होनी चाहिए जातिगत जनगणना?
अजित पचार ने कहा कि एक बार जातिगत जनगणना हो जाना चाहिए, इससे हर जाति के आंकड़ों का पता चलेगा और कौन सी जाति पीछे है? ये भी स्पष्ट हो जाएगा। क्या शरद पवार अपनी राजनीतिक विरासत सुप्रिया सुले को सौंपना चाहते थे? क्या आप इसलिए उनसे अलग हुए? नहीं, किसे पार्टी की जिम्मेदारी देनी है ये शरद पवार का अधिकार हैं।
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