Modi Surname Case: 'मोदी सरनेम' टिप्पणी को लेकर दायर आपराधिक मानहानि मामले में सूरत जिला अदालत ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई है। सजा सुनाए जाने के थोड़ी देर बाद राहुल गांधी को जमानत भी मिल गई। राहुल गांधी को सूरत सेशंस कोर्ट ने 30 दिनों के लिए जमानत दे दी। अब राहुल गांधी 30 दिनों के अंदर ऊपरी कोर्ट में फैसले के खिलाफ अपील करनी होगी।
मानहानि मामले में फैसला आने के बाद राहुल गांधी ने ट्वीट किया। उन्होंने महात्मा गांधी के कथन को कोट करते हुए लिखा कि मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन। उधर, दोषी करार दिए जाने से पहले मामले को लेकर गुजरात कांग्रेस के नेता रघु शर्मा ने कहा कि 'सच्चाई की जीत होगी, राहुल गांधी को सिर्फ परेशान किया जा रहा है।
सजा को लेकर शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी के वकील क्या बोले?
शिकायतकर्ता भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी के वकील केतन रेशमवाला ने कहा कि राहुल गांधी को आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत दोषी ठहराया गया है। कांग्रेस सांसद को दी गई सजा 2 साल के लिए है और उस सजा के खिलाफ कानून के अनुसार, कोर्ट ने उन्हें 30 दिनों के लिए जमानत दे दी है और उनकी अगली अपील तक, कोर्ट द्वारा सजा को स्थगित कर दिया गया है।
दरअसल, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने 2019 में कर्नाटक में एक रैली के दौरान अपने भाषण में कहा था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?' कांग्रेस नेता राहुल गांधी के इस बयान पर उस वक्त खूब हंगामा हुआ था। उसी दौरान भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था।
कोर्ट ने राहुल गांधी से कहा- आप क्या कहना चाहते हैं?
राहुल के समर्थन में सूरत में कार्यकर्ताओं ने लगाए पोस्टर
राहुल गांधी के समर्थन वाले पोस्टर सूरत कोर्ट के बाहर लगाए गए हैं। भगत सिंह और सुखदेव की तस्वीरों के साथ लगे पोस्टरों में लिखा है, "चलो लोकतंत्र के समर्थन में सूरत चलते हैं"।
पोस्टर में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के युवा स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित कवि बिस्मिल अज़ीमाबादी की प्रसिद्ध कविता "सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है" की गुजराती में एक पंक्ति भी है। गुजरात के सूरत में राहुल गांधी के "सभी चोरों के नाम में मोदी क्यों हैं" टिप्पणी के लिए मानहानि के मुकदमे से पहले कांग्रेस सांसद के समर्थन में समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं ने पोस्टर लगाए।
राहुल गांधी ने अपने भाषण में क्या कहा था?
राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में 13 अप्रैल 2019 को चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है? राहुल गांधी ने इस दौरान कहा था कि नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? राहुल गांधी के बयान को लेकर पूर्णेश मोदी ने मानहानि का केस दर्ज कराया था। पूर्णेश भूपेंद्र पटेल सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री थे। पिछले साल दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव में वे सूरत से दोबारा विधायक चुने गए हैं।
पूर्णेश मोदी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि राहुल ने 2019 में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पूरे मोदी समुदाय को कथित रूप से बदनाम किया। बता दें कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की अदालत ने पिछले शुक्रवार को दोनों पक्षों की अंतिम दलीलें सुनीं थी और फैसला सुनाने के लिए 23 मार्च की तारीख तय की।
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पेशी के दौरान राहुल गांधी ने खुद को बताया था निर्दोष
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के वकील किरीट पानवाला ने बताया कि कोर्ट ने आपराधिक मानहानि मामले की सुनवाई पूरी कर ली है। 23 मार्च को फैसला सुनाए जाने के दौरान राहुल गांधी अदालत में मौजूद रहेंगे। बता दें कि इस मामले की सुनवाई के दौरान राहुल गांधी तीन बार कोर्ट में मौजूद रहे थे।
आखिरी बार अक्टूबर 2021 में राहुल गांधी कोर्ट में पेश हुए थे और खुद को निर्दोष बताया था। उधर, शिकायतकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि राहुल गांधी के भाषण की सीडी और एक पेन ड्राइव साबित करते हैं कि उन्होंने वास्तव में रैली में टिप्पणी की थी और उनके शब्दों ने मोदी समुदाय को बदनाम किया था।