Project Cheetah: केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव मंगलवार को मध्य प्रदेश पहुंचे। उन्होंने कूनो नेशनल पार्क का दौरा किया। भूपेंद्र यादव ने वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। साथ ही कूनो से विस्थापित किए गए बागचा गांव पहुंचकर हालातों का जायजा लिया।
केंद्रीय वन मंत्री ने फिलहाल चीतों को दूसरे राष्ट्रीय उद्यानों में शिफ्ट करने से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि सबसे पहले कूनों में चीता प्रोजेक्ट शुरू किया गया है, जिसे यही सक्सेस किया जाएगा। इसके बाद वैकल्पिक व्यवस्था के लिए आवश्यकता पड़ने पर दूसरे स्थानों के बारे में सोचा जाएगा। चीतों की लगातार मौत होने के मामले में सवाल पूछने पर वह बिना जवाब दिए ही चले गए।
सभी कर रहे अच्छा काम
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव ने कूनो नेशनल पार्क में चीता प्रोजेक्ट को लेकर कहा कि हमारे अधिकारी और हमारी टीम लगातार मॉनिटरिंग कर रही है। मैं खुद कई बार यहां आकर स्थितियां देखता हूं। सब लोग ठीक तरह से काम कर रहे हैं, चीता प्रोजेक्ट को सबसे पहले कूनो नेशनल पार्क में शुरू किया गया था, यहीं पर इसे डिवेलप किया जाएगा। वैकल्पिक व्यवस्था के लिए दूसरी जगह भी व्यवस्थाएं रखनी पड़ती हैं, इस पर दूसरे चरण में काम किया जाएगा।
दो महीने में इन चीतों की हुई मौत
26 मार्च: नामीबिया से लाई गई मादा चीता साशा की मौत।
23 अप्रैल: साउथ अफ्रीका से लाए गए चीता उदय ने दम तोड़ा।
9 मई: मादा चीता दक्षा की मौत। उसे साउथ अफ्रीका से लाया गया था।
23 मई: नामीबिया की ज्वाला के एक शव की जान गई।
25 मई: ज्वाला के दो और शावकों की मौत हुई।
अब कूनो में 18 चीते बचे
17 सितंबर को पीएम मोदी ने अपने जन्मदिन पर नामीबिया से लाए गए 8 चीतों को कुनो नेशनल पार्क में छोड़ा था। इसके बाद 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते कूनो लाए गए थे। अब 18 चीते ही कूनो नेशनल पार्क में बचे हैं।
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