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बदला लेने से बाज आएं देश की महिलाएं, मध्य प्रदेश HC के फैसले को नकार सुप्रीम कोर्ट ने की कड़ी टिप्पणी

Supreme Court, नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के फैसले पलटते हुए खास टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट की ये टिप्पणी शादीशुदा महिलाओं के लिए है। कोर्ट ने मध्य प्रदेश की एक महिला के दहेज प्रताड़ना के केस को खारिज करते हुए कहा कि साफ दिखाई दे रहा है कि महिला अपने […]

Supreme Court, नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के फैसले पलटते हुए खास टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट की ये टिप्पणी शादीशुदा महिलाओं के लिए है। कोर्ट ने मध्य प्रदेश की एक महिला के दहेज प्रताड़ना के केस को खारिज करते हुए कहा कि साफ दिखाई दे रहा है कि महिला अपने ससुराल वालों से बदला लेना चाहती है।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच के जस्टिस अनिरुद्ध बोस, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस एस. वी. एन. भट्टी ने दहेज प्रताड़ना से जुड़े एक मामले पर सुनवाई की। इसमें एक महिला ने अपने ससुराल वालों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना समेत कई आरोप लगाए थे। सुनवाई के दौरान कोर्ट की टिप्पणी और फैसले ने सभी को हैरान कर दिया है।

कोर्ट की टिप्पणी

कोर्ट ने कहा कि तथ्यों और परिस्थितियों की सारी चीजे देखते हुए ये साफ दिख रहा है कि महिला के अपने ससुराल वालों से बदला चाहती है, क्योंकि महिला द्वारा ससुरालियों पर लगाए गए आरोप पर्याप्त नहीं हैं और पहली नजर में उनके खिलाफ कोई मामला बनता ही नहीं है। यह भी पढ़ें: Delhi Local Train Derail : प्रगति मैदान के पास पटरी से उतरी लोकल ट्रेन, यात्रियों में हड़कंप सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि, साफ तौर पर दिख रहा है कि महिला अपने ससुराल वालों से बदलना लेना चाहती है। महिला द्वारा लगाए गए आरोप इतने कपटपूर्ण हैं कि कोई भी विवेकशील व्यक्ति यह फैसला नहीं कर सकता कि आरोप ससुराल वालों के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए पर्याप्त हैं या नहीं। महिला द्वारा लगाए गए आरोप ज्यादातर एक जैसे ही हैं। महिला की शिकायतों में इस बात के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं हैं कि ससुराल वालों ने आखिर किस तरह से और कब उन्हें दहेज के लिए प्रताड़ित किया है, वो भी तब जब सभी अलग-अलग शहरों में रहते हैं। ऐसे में अगर अपीलकर्ताओं के खिलाफ कार्यवाही जारी रखने की अनुमति दी गई तो ये अन्याय करने जैसा होगा।

ये है मामला 

जानकारी के अनुसार, महिला पेशे से एक शिक्षिका है, साल 2007 में उसकी शादी हुई। शादी के कुछ साल बाद ही पति की तरफ से कोर्ट में तलाक के लिए याचिका दाखिल की गई है। इस केस में कोर्ट ने पति के पक्ष में फैसला सुनाया। महिला ने पति द्वारा तलाक की अर्जी दायर करने से पहले पुलिस में शिकायत कराई थी, जिसमें पति और ससुराल वालों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे। महिला की शिकायत मिलने पर पुलिस ने ससुराल वालों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।


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