Padma Shri Award: मध्य प्रदेश के लिए गणतंत्र दिवस के मौके पर एक बार फिर गौरव के पल आए हैं। 26 जनवरी की पूर्व संध्या पर हुई पद्मश्री पुरूस्कारों का ऐलान किया गया है, जिसमें मध्य प्रदेश की चार विभूतिया भी शामिल हैं। मध्य प्रदेश को ये अवॉर्ड कला, स्वास्थ्य के क्षेत्र में मिले हैं।
मध्य प्रदेश के इन चार लोगों को मिलेगा सम्मान
- कला के क्षेत्र में झाबुआ के रमेश परमार और शांति परमार को पद्मश्री सम्मान दिया जाएगा।
- कला के क्षेत्र में उमरिया की जोधाइया बाई को पद्मश्री दिया जाएगा।
- चिकित्सा के क्षेत्र में जबलपुर के डॉ. मुनीश्वर चंदावर को पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा।
झाबुआ के गौरव, कलाकार रमेश परमार जी एवं शांति परमार जी को कला क्षेत्र में पद्मश्री पुरस्कार के लिए चयनित होने पर अनंत बधाई एवं शुभकामनाएं। आपने कला के माध्यम से मध्यप्रदेश को विश्व पटल पर मान बढ़ाया और नई पहचान दी। आज कला जगत ही नहीं, बल्कि संपूर्ण प्रदेश हर्षित है। #PeoplesPadma pic.twitter.com/LcMWj681Kj
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डॉ. मुनिश्चर 20 रुपए में करते हैं इलाज
गृह मंत्रालय से जारी प्रेस रिपोर्ट के मुताबिक जबलपुर में महज 20 रुपए की फीस पर लोगों का इलाज करने वाले डॉ. मुनीश्वर चंदावर को पद्मश्री सम्मान दिया जाएगा, वह मेडिसिन विशेषज्ञ हैं और जबलपुर में महज 20 रुपए में लोगों का इलाज करते हैं। वह अपनी ओपीडी में ट्रीटमेंट की फीस भी 20 रुपए ही लेते हैं। उनके इस समाजसेवी काम के लिए उन्हें पद्मश्री दिया जा रहा है।
चिकित्सा को सेवा का अटल संकल्प बनाकर मानव कल्याण को नई दिशा देने वाले जबलपुर के डॉ. एमसी डावर जी को पद्मश्री सम्मान के लिए चयनित होने पर अनंत बधाई। मात्र ₹20 शुल्क पर प्रतिदिन मरीजों की चिकित्सा करते हुए आपने जनसेवा की अनुकरणीय मिसाल पेश की है। मप्र गौरवान्वित है। #PeoplesPadma pic.twitter.com/koWUXfX7Dc
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तीन अवॉर्ड कला के क्षेत्र में दिए जाएंगे
वहीं बाकि के तीन अवॉर्ड कला के क्षेत्र में दिए जाएंगे। उमरिया जिले में रहने वाली 83 साल की आदिवासी महिला जोधइया बाई को भी पद्मश्री दिया जाएगा। उमरिया जिले में अम्मा के नाम से जाने जानी वाली जोधइया बाई ने लोढ़ा में स्थित जनगण तस्वीर खाना से आदिवासी कला की शुरुआत की थी। वह इस कला के क्षेत्र में लगातार काम कर रही हैं। उनकी बनाई पेंटिंग विदेशों में भी प्रसिद्ध है। इससे पहले उन्हें नारी शक्ति सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें सम्मानित किया था।
जनजातीय कला को संरक्षित कर अंतरराष्ट्रीय पहचान प्रदान करने के लिए वर्षों से समर्पित, उमरिया की सशक्त सांस्कृतिक हस्ताक्षर, जोधइया बाई बैगा जी को पद्मश्री पुरस्कार के लिए चयनित होने पर अनंत शुभकामनाएं। आज मध्यप्रदेश का प्रत्येक नागरिक आपके सम्मान से गौरवान्वित है। #PeoplesPadma pic.twitter.com/YqJbbK2g58
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इसके अलावा झाबुआ जिले के रमेश परमार और उनकी पत्नी शांति परमार को भी कला के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य के लिए पद्मश्री सम्मान दिया जाएगा, ये दोनों मिट्टी की गुड़िया बनाते हैं, जो पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं, इनकी गुड़ियां कई देशों में जा चुकी हैं।