MP Politics: मध्य प्रदेश में 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सियासी बिसात बिछाई जाने लगी है, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने आलाकमान के निर्देशों पर पार्टी में बड़ा बदलाव किया है। एमपी कांग्रेस ने नए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की है। जबकि 50 प्रदेश उपाध्यक्ष और 105 प्रदेश सचिव बनाए गए हैं, इसके अलावा 64 जिला कांग्रेस अध्यक्ष बनाए गए। जिसे चुनावी साल में बड़ी सर्जरी के तौर पर देखा जा रहा है।
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21 सदस्यीय राजनीति मामलों की कमेटी
इसके अलावा एमपी कांग्रेस ने 21 सदस्यीय राजनीति मामलों की कमेटी भी बनाई है। जिसमें कमलनाथ-दिग्विजय सिंह समेत कई बड़े नेता शामिल हैं। खास बात यह है कि इस सूची में कमलनाथ के साथ-साथ उनके बेटे नकुलनाथ का नाम भी शामिल हैं। कांग्रेस में जो बदलाव हुए हैं, उनमें सबसे ज्यादा समर्थक कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के शामिल है। कभी ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव वाले जिले में अब दिग्विजय सिंह की पसंद का जिला अध्यक्ष बनाया गया है।
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21 सदस्यीय टीम में इन नेताओं के नाम
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मध्य प्रदेश कांग्रेस की जिस 21 सदस्यीय राजनीति मामलों की कमेटी बनाई है, उनमें कांग्रेस के पुराने सभी दिग्गजों को जगह दी गई है। बताया जा रहा है यह कमेटी ही 2023 में होने वाले चुनाव में नए समीकरण बनाएगी। इस सूची में मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह , नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह के अलावा कांतिलाल भूरिया, सुरेश पचौरी, अरुण यादव, अजय सिंह, विवेक तन्खा, राजमणि पटेल, नकुलनाथ, बाला बच्चन, जीतू पटवारी, सुरेंद्र चौधरी, रामनिवास रावत, नर्मदा प्रसाद प्रजापति, सज्जन सिंह वर्मा, आरिफ अकील, कमलेश्वर पटेल, महेंद्र जोशी, रामेश्वर नीखरा और शोभा ओझा को शामिल किया है। ये सभी कांग्रेस के वरिष्ट नेता हैं। जिनमें से अधिकतर विधायक हैं।
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अभी और भी हो सकते हैं बदलाव
खास बात यह है कि इस सूची के बाद अंदरखाने विवाद भी शुरु हुआ है। जिसके बाद कई जगहों पर नेताओं के समर्थकों ने नाराजगी जताई है। वहीं इस सूची के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और मध्य प्रदेश के प्रदेश प्रभारी जेपी अग्रवाल ने ट्वीट करते हुए लिखा कि यह आखिरी सूची नहीं है। भारत जोड़ो यात्रा के बाद इसमें विस्तार और संशोधन किया जाएगा। यानि आने वाले वक्त में कांग्रेस में अभी और भी बदलाव देखने को मिलेंगे।
2023 के मद्देनजर हुए बदलाव
बताया जा रहा है कि एमपी कांग्रेस के संगठन में यह बड़ा बदलाव 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर हुए हैं। क्योंकि कमलनाथ खुद एक-एक जिले का दौरा कर सभी जगह की जानकारी ले रहे हैं। कमलनाथ कमजोरियों और मजबूतियों पर पूरी नजर बनाए हुए हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि इन बदलावों का असर 2023 में होने वाले चुनाव में भी देखने को मिल सकता है।
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