कर्ण मिश्रा, ग्वालियर: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को बड़ी कामयाबी मिली है। बीजेपी ने 230 सदस्यीय विधानसभा में 160 सीटें जीतकर जोरदार वापसी की है लेकिन, इसके बावजूद सिंधिया खेमे में बहुत खुशी का माहौल नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस चुनाव में सिंधिया समर्थक और कई मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा है।
13 समर्थकों को मिला था टिकट
इस विधानसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया के 13 समर्थकों को टिकट दिया गया था। इनमें से मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर, बृजेंद्र यादव, गोविंद सिंह राजपूत, प्रभुराम चौधरी, तुलसी सिलावट, मोहन सिंह राठौड़ चुनाव जीते हैं, जबकि रघुराज कंसाना, कमलेश जाटव, इमरती देवी, सुरेश धाकड़, महेंद्र सिसोदिया, जजपाल सिंह जज्जी और राजवर्धन दत्तीगांव को हार का सामना करना पड़ा है। वहीं, सिंधिया के समर्थक मंत्री विधायकों की हार को लेकर कांग्रेस ने निशाना साधा है।
कांग्रेस का तंज
सिंधिया समर्थकों की हार को लेकर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. राम पांडेय ने कहा कि मध्य प्रदेश में भाजपा को जोरदार कामयाबी हासिल हुई है, ग्वालियर चंबल अंचल में भी बीजेपी का जादू चला है, लेकिन खास बात ये है कि सिंधिया समर्थक और कई मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा है।
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परिणामों की समीक्षा की जाएगी- भाजपा
वहीं, क्षेत्र के बीजेपी नेता सिंधिया का समर्थन करते नजर आ रहे हैं। सिंधिया समर्थक मंत्री, विधायक और पूर्व मंत्रियों की हार को लेकर प्रदेश कार्यसमिति सदस्य कमल माखीजानी ने कहा कि हारे हुए प्रत्याशियों के क्षेत्र में जातिगत समीकरण, स्थानीय नाराजगी और प्रदर्शन के आधार पर हार-जीत हुई है, जिसकी समीक्षा की जाएगी।
6 प्रत्याशी ही बने विधायक
गौरतलब है कि इस बार के चुनाव में सिंधिया समर्थक सिर्फ 6 प्रत्याशी ही विधायक बने हैं वहीं, अब सबकी नजर मध्य प्रदेश में बनने वाली बीजेपी की नई सरकार पर है, जिसके बाद पता चलेगा कि सिंधिया का जलवा पहले की तरह ही कायम है या नहीं।