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MP Assembly Election: ‘झूठ बोले काला कौआ काटे…’, सिंधिया ने कांग्रेस के लिए खुद को क्यों बताया काला कौआ ?

Jyotiraditya Scindia called himself black crow: ज्योतिरादित्य सिंधिया शुक्रवार को चुनाव प्रचार के लिए अशोकनगर में पहुंचे थे जहां पर उन्होंने खुद को काला कौआ बताते हुए कांग्रेस पर जमकर हमला बोला।

Jyotiraditya Scindia called himself black crow: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अब कहावतों का दौर भी शुरू हो गया है। शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अशोकनगर की तीन सीटों और रायसेन के सांची विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार किया। इस दौरान उन्होंने खुद को काला कौआ बताते हुए कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। बता दें कि चुनाव प्रचार के दौरान, अशोकनगर में सभा करने पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने खुद को काला कौआ बताया। सिंधिया ने इस दौरान दिग्विजय सिंह और कमलनाथ पर हमला बोलते हुए एक पुरानी कहावत का जिक्र करते हुए कहा कि 'झूठ बोले कौआ काटे काले कौआ से डरियो… उन्होंने कहा, 'मैं कांग्रेस के लिए काला कौआ हूं। इसके अलावा उन्होंने 15 महीने पुरानी कांग्रेस सरकार पर भी कई गंभीर आरोप लगाए। यह भी पढ़ें- ‘I.N.D.I.A. में नीतीश कुमार की भूमिका सीमित’, 5 राज्यों के चुनाव में ज्यादा इंटरेस्टेड वाले बयान पर प्रशांत किशोर ने कसा तंज

शिवराज की तारीफ

वहीं सिंधिया ने शिवराज सरकार की जमकर तारीफ की। उन्होंने शिवराज सरकार द्वारा चलाई गई लाडली ब्राह्मण और लाडली लक्ष्मी योजना की तारीफ करते हुए कहा कि पहले जब घर में बेटी का जन्म होता था तब लोग उसे बोझ समझते थे लेकिन शिवराज सरकार के द्वारा चलाई गई स्कीम के बाद लोगों की धारणा बदल चुकी है।

गाड़ी की बजाय घोड़े पर चुनाव प्रचार

वहीं जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, इस बीच प्रत्याशियों द्वारा मतदाताओं को रिझाने के लिए प्रचार के अजब-गजब रंग भी देखने को मिल रहे हैं। भोपाल की हाई प्रोफाइल गोविंदपुरा विधानसभा सीट पर शुक्रवार को कुछ ऐसी ही तस्वीर देखने को मिली, जहां दिग्विजय सिंह समर्थक कांग्रेस प्रत्याशी रविंद्र साहू घोड़े पर चुनाव प्रचार करते हुए दिखे। इस दौरान कांग्रेस प्रत्याशी रविंद्र साहू ने इलाके में खराब सड़क का हवाला देते हुए गाड़ी की बजाय घोड़े पर चुनाव प्रचार किया और आरोप लगाया कि गोविंदपुरा में 46 साल से बीजेपी का शासन है लेकिन, गोविंदपुरा की सड़क तक नहीं बनवाई गई इसलिए, घोड़े पर चढ़कर प्रचार करना पड़ रहा है।


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