Bageshwar Dham Dhirendra Shastri Facebook Case: बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री को फेसबुक के खिलाफ लड़ाई में जीत मिलती दिखाई दे रही है। सोशल मीडिया पर धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी और वीडियो के मामले में मंगलवार को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। इस सुनवाई में फेसबुक की दलीलें नहीं टिक पाईं। आइए आपको बताते हैं कि पूरा मामला क्या है और धीरेंद्र शास्त्री के पक्ष में किस तरह चीजें जाती दिखाई दे रही हैं।
फेसबुक अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट सकता
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ प्रसारित किए जा रहे कंटेंट के मामले पर मेटा के प्रतिनिधि से कहा- फेसबुक अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट सकता। इस दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी इस तरह की टिप्पणी के लिए फेसबुक को जिम्मेदार माना है।
मेटा की ओर से दी गईं दलीलें
मेटा की ओर से हाई कोर्ट में दलीलें दी गईं। कहा गया कि फेसबुक इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म है। उसका किसी और के कंटेंट को लेकर नियंत्रण नहीं है। फेसबुक ने यह भी तर्क दिया गया कि याचिकाकर्ता रंजीत सिंह पटेल को भी किसी अन्य व्यक्ति के विषय में हाई कोर्ट में याचिका प्रस्तुत करने का अधिकार नहीं है।
रंजीत पटेल ने दायर की है याचिका
दरअसल, मध्य प्रदेश के रंजीत पटेल ने बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ टिप्पणी और वीडियो के खिलाफ याचिका दायर की है। अपनी याचिका में उन्होंने कहा है कि फेसबुक, ट्विटर और यू-ट्यूब पर अनर्गल कंटेंट के लिए प्लेटफॉर्म जिम्मेदार हैं। उन्हें इस तरह के सभी कंटेंट हटाने चाहिए।
फेसबुक ने दायर की थी याचिका
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता पंकज दुबे ने दलील पेश कीं। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमथ और जस्टिस विशाल मिश्रा की डिवीजन बेंच ने सुनवाई करते हुए फेसबुक की ओर से की गई अपील को खारिज करते हुए कहा कि आप अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते।
टिप्पणी और वीडियो हटाने के निर्देश दिए थे
बता दें कि फेसबुक ने इस मामले पर अपनी ओर से एक और याचिका दायर की थी। जिस पर ये सुनवाई हो रही थी। हाईकोर्ट में पिछली सुनवाई में फेसबुक को पंडित धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ की गई टिप्पणी और वीडियो हटाने के निर्देश दिए थे। हालांकि इसे मानने के बजाय मेटा ने अपनी ओर से ही एक याचिका दायर कर दी थी।
आपको बता दें कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आपत्तिजनक कंटेंट के खिलाफ केंद्र सरकार भी सख्त है। पिछले दिनों सरकार ने कई सेलिब्रिटीज के डीपफेक वीडियोज वायरल होने के बाद चेतावनी जारी की थी। विवादित कंटेंट न हटाने पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को कानूनी कार्रवाई का भी सामना करना पड़ सकता है।
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