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हिमाचल में योगी की राह पर चली कांग्रेस, UP की तरह दुकानों के आगे लिखना होगा मालिक का नाम

Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में भी अब खाने-पीने की दुकानों को लेकर नई एडवाइजरी जारी की गई है। दुकान मालिकों को अपनी पहचान बतानी होगी। दुकानों के आगे नाम लिखना अनिवार्य कर दिया गया है। ताजा एडवाइजरी में कौन-कौन सी हिदायतें दी गई हैं? इनके बारे में जानते हैं।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Sep 25, 2024 16:18
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Vikramaditya Singh

Himachal Pradesh Latest News: उत्तर प्रदेश की तरह अब हिमाचल प्रदेश में भी खाने-पीने की दुकानों के आगे मालिकों को अपना नाम लिखना होगा। अपनी पहचान बतानी होगी। बुधवार को हिमाचल सरकार ने आदेश जारी किए हैं। कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो। इसलिए सरकार ने खाने-पीने की दुकानों के मालिकों की पहचान सार्वजनिक करने के आदेश जारी किए हैं। फास्ट फूड की दुकानों के मालिकों को भी अपना पहचान पत्र दिखाना होगा।

इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने रेहड़ी-फड़ी वालों को पहचान के लिए नाम और आईडी लगाने के आदेश जारी किए थे। अब हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) सरकार ने यह फैसला लिया है। शहरी विकास और नगर निगम विभाग की बैठक हुई थी, जिसमें मंगलवार को फैसला लिया गया। वहीं, हिमाचल प्रदेश सरकार ने बाजारों के लिए पॉलिसी निर्माण को लेकर भी एक कमेटी गठित की थी। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने कमेटी के अध्यक्ष के तौर पर मंत्री हर्षवर्धन चौहान के नाम की घोषणा की थी।

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इस कमेटी को स्ट्रीट वेंडर्स के लिए नीति विकसित करने का जिम्मा सौंपा गया था। 5 दिन पहले कमेटी में 7 सदस्य शामिल किए गए थे। सदन ने 10 सितंबर को ‘स्ट्रीट वेंडर्स पॉलिसी’ बनाने का निर्णय लिया था। शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि ग्राहकों को स्वच्छ भोजन मिले, इसलिए सभी स्ट्रीट वेंडर्स, विशेष रूप से खाद्य पदार्थ बेचने वालों को अपना नाम और पहचान पत्र लगाना अनिवार्य होगा।

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लोकल वेंडर्स को अनुमति देने की मांग

विक्रमादित्य सिंह ने अनुसार यूपी की तरह नीति लागू करने का विकल्प उन्होंने चुना है। प्रवासी श्रमिकों के अनिवार्य पंजीकरण की बढ़ती मांगों के बाद कुछ मामले सामने आए थे। राज्य में अनाधिकृत मस्जिदों पर विवाद के बाद जनता की मांग थी कि लोकल वेंडर्स को ही खाने-पीने का सामान बेचने की परमिशन दी जाए। गौरतलब है कि पिछले सप्ताह शिमला के संजौली क्षेत्र में एक मस्जिद के हिस्से को ढहाने की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन हुआ था। इस दौरान 10 लोग घायल हुए थे। जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने बाहर से आने वाले प्रवासी श्रमिकों की पहचान और रजिस्ट्रेशन की मांग की थी।

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Written By

Parmod chaudhary

First published on: Sep 25, 2024 03:54 PM

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