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हरियाणा सरकार में गृह कलेश? कैबिनेट मंत्री विज ने लेबर विभाग में 1500 करोड़ के घोटाले पर उठाए सवाल

हरियाणा में अब घोटाले पर विवाद बढ़ने लगा है। श्रम मंत्री अनिल विज ने वर्क स्लिप घोटाले की जांच को लेकर सख्त रुख अपनाए हुए हैं। घोटाले का विस्तार से खुलासे करते हुए उन्होंने सीएम सैनी को पत्र लिखा है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट।

हरियाणा सरकार में अब कलह खुलकर सामने आने लगी है। अक्सर चर्चा में रहने वाले नेता और प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री अनिल विज फिर एक बार सुर्खियों में आ गए हैं। अनिल विज ने अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर लेबर डिपार्टमेंट में 1500 करोड़ के वर्क स्लिप घोटाले की किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच करवाने की मांग की है।

श्रम विभाग के अंतर्गत संचालित हरियाणा भवन और अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में लंबे समय से चली आ रही वर्कस्लिप (कार्य रसीद) से जुड़ी गंभीर अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। प्रारंभिक जांच में यह घोटाला लगभग करीब 1500 करोड़ रूपए तक का होने की आशंका जताई जा रही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए श्रम मंत्री विज ने इस पूरे मामले की किसी प्रतिष्ठित जांच एजेंसी से गहन जांच कराने के लिए सीएम नायब सिंह सैनी को लिखा है।

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मामले में जानकारी देते हुए श्रम मंत्री ने बताया कि हाल ही में उन्होंने बोर्ड की एक बैठक की अध्यक्षता की थी, जिसमें बोर्ड सदस्यों की नियुक्ति में अनियमितताओं के साथ-साथ निर्माण श्रमिकों को दी जाने वाली योजनाओं के लाभ वितरण में भी गड़बड़ियां सामने आईं। इसके बाद उन्होंने तत्काल जांच के आदेश दिए। विज ने कहा कि कई स्थानों पर गांव के गांव फर्जी पंजीकरण कर वर्क स्लिपें बनाई गईं, ताकि अपात्र लोग सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें। एक श्रमिक को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से औसतन 2.5 लाख रूपए तक का लाभ दिया जाता है, जिससे सरकार को भारी वित्तीय क्षति होने की संभावना है।

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जानकारी देते हुए मंत्री विज ने बताया कि प्रारंभिक तौर पर हिसार, कैथल, जींद, सिरसा, फरीदाबाद और भिवानी जिलों में जांच कराई गई, जहां बड़े पैमाने पर अनियमितताएं पाई गईं। इसके पश्चात राज्य के सभी जिलों के उपायुक्तों को निर्देश जारी कर जिला स्तरीय समितियों का गठन किया गया, जिनमें श्रम विभाग के अधिकारी सहित तीन अन्य अधिकारी शामिल किए गए। इन समितियों द्वारा अगस्त 2023 से मार्च 2025 के बीच जारी की गई ऑनलाइन वर्कस्लिपों का भौतिक सत्यापन किया जा रहा है। यह प्रक्रिया लगभग चार माह पूर्व शुरू की गई थी, जिसमें अब तक 13 जिलों में 100 प्रतिशत सत्यापन पूरा हो चुका है।

विज ने बताया कि हरियाणा में भवन निर्माण में लगे श्रमिकों को विभिन्न प्रकार की कल्याणकारी योजनाओं को लाभ प्रदान किया जाता है, जिनमें मातृत्व लाभ 36 हजार रुपये, पितृव लाभ 21 हजार रुपये, पंजीकृत कामगार के बच्चों की शिक्षा हेतु दिए जाने वाले लाभों के अंतर्गत बच्चों की पहली कक्षा से उच्च शिक्षा तक की वार्षिक वित्तीय सहायता 8,000 रुपये से 20,000 रुपये तक, पंजीकृत कामगारों के मेधावी बच्चों के 10वीं/12वीं की परीक्षा में 60 प्रतिशत से 90 प्रतिशत अंक प्राप्त पर 21 हजार रुपये से 51 हजार रूपए छात्रवृत्ति समेत कई लाभ शामिल हैं।

श्रम मंत्री ने बताया कि इन 13 जिलों में करनाल, रेवाड़ी, नूंह (मेवात), महेंद्रगढ़, गुरुग्राम, झज्जर, पलवल, पानीपत, रोहतक, सोनीपत, पंचकूला, सिरसा और कैथल शामिल हैं, में कुल 5,99,758 वर्कस्लिपें जारी की गई थीं, जिनमें से केवल 53,249 वर्कस्लिपें वैध पाई गईं, जबकि 5,46,509 वर्कस्लिपें अवैध पाई गईं। इसी प्रकार, कुल 2,21,517 श्रमिकों के पंजीकरण में से सत्यापन के बाद केवल 14,240 श्रमिक ही पात्र पाए गए, जबकि 1,93,756 पंजीकरण फर्जी पाए गए।

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