TrendingT20 World Cup 2026Bangladesh ViolencePollution

---विज्ञापन---

व्यक्ति ने मां-बाप को जीते-जी मार दिया, जांच में दोनों जिंदा मिले, जानिए क्यों किया ऐसा कांड

एक व्यक्ति ने अपने बुजुर्ग मां-बाप को जीते-जी मार दिया, लेकिन जांच की गई तो दोनों जिंदा मिले, लेकिन व्यक्ति ने ऐसा कांड क्यों किया, जानकर चौंक जाएंगे। CRID अधिकारी की धिकायत पर व्यक्ति को CSC संचालक के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है। यह भी पढ़ें: सड़क पर पार्क कर दिया हेलीकॉप्टर, […]

Family ID Fraud
एक व्यक्ति ने अपने बुजुर्ग मां-बाप को जीते-जी मार दिया, लेकिन जांच की गई तो दोनों जिंदा मिले, लेकिन व्यक्ति ने ऐसा कांड क्यों किया, जानकर चौंक जाएंगे। CRID अधिकारी की धिकायत पर व्यक्ति को CSC संचालक के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है। यह भी पढ़ें: सड़क पर पार्क कर दिया हेलीकॉप्टर, लोग बोले- हद है; तेजी से वायरल हो रहीं तस्वीरें

आरोपी ने खुद को बेरोजगार दिखाया

मामला हरियाणा के हिसार जिले का है। आदमपुर के गांव मोहब्बतपुर का प्रदीप कुमार फैमिली ID बनवाने के लिए CSC संचालक मांगेराम के पास गया। उसने खुद को बेरोजगार और मात्र 5 हजार आमदनी दिखाते हुए फैमिली ID बनवाई। आवेदन में प्रदीप ने अपने पिता केश राज और मां गीता देवी को मृत दिखा दिया। मिली जानकारी के अनुसार, प्रदीप ने बताया कि मां गीता की मौत 6 अगस्त 2014 को दिल का दौरा पड़ने से हुई। 5 फरवरी 2015 को उनक डेथ सर्टिफिकेट जारी किया गया। पिता केश राज की मौत स्किन फॉक्स से 17 जुलाई 2013 को हुई। पिता का सर्टिफिकेट 8 नवंबर 2013 को जारी हुआ। इस आधार पर उसकी ID अपडेट हुई। यह भी पढ़ें: Delhi: बेटे को बचाने गए पिता की ईंट-पत्थरों से पीट-पीटकर हत्या, दो नाबालिग बेटे भी घायल

मां-बाप आदमपुर मंडी के पास रहते

गत 25 जुलाई को प्रदीप ने BC जाति का प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अप्लाई किया। आदमपुर ADC कार्यालय के CRID खंड अधिकारी दिनेश ने प्रमाण पत्र बनाने से पहले फैमिली ID की जांच कराई। इसके लिए गांव के सरपंच, पटवारी और चौकीदार से रिपोर्ट मांगी, जिसमें पता चला कि प्रदीप के मां-बाप जिंदा हैं। प्रदीप के पिता रिटायर्ड टीचर हैं। दोनों आदमपुर मंडी में केनरा बैंक के पाए रहते हैं। ऐसे में फैमिली ID और जाति प्रमाण पत्र के आवेदन में मां-बाप के बारे में दी गई जानकारी गलत है। अगर दोनों की मौत हो चुकी है तो दोनों के डेथ सर्टिफिकेट आवेदन के साथ अपलोड क्यों नहीं किए गए, यह देखते हुए धोखाधड़ी का शक जताया गया। CRID अधिकारी दिनेश ने तुंरत मामले की शिकायत पुलिस को दी। शिकायत में CSC संचालक मांगेराम के खिलाफ गलत जानकारी देकर जाली प्रमाण पत्र बनवाकर फ्रॉड करने और विभाग को गुमराह करने के लिए केस दर्ज करने की मांग की गई है।


Topics:

---विज्ञापन---