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HOT सीट हांसी… जाट निर्णायक, लेकिन सिर्फ एक बार बना विधायक; इस बार कौन-किसको दे रहा टक्कर?

Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव में हांसी हॉट सीट मानी जा रही है। पूर्व सीएम भजनलाल का यहां दबदबा माना जाता था। इस सीट पर कांग्रेस को 19 साल से जीत का इंतजार है। इस बार भाजपा और कांग्रेस के बीच ही मुकाबला माना जा रहा है। पिछली बार यहां से भाजपा के विनोद भ्याना ने जीत हासिल की थी।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Sep 22, 2024 14:37
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Haryana Assembly Election 2024

Haryana Assembly Election: हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए 5 अक्टूबर को वोटिंग होनी है। वहीं, 8 अक्टूबर को नतीजों का ऐलान किया जाएगा। हांसी विधानसभा सीट पर इस बार कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर दिख रही है। कांग्रेस को पिछले 19 साल से इस सीट से जीत का इंतजार है। वहीं, भाजपा 2019 में यहां से जीती है। पार्टी ने इस बार फिर मौजूदा विधायक विनोद भ्याना पर दांव लगाया है। लेकिन उनके लिए राह इतनी आसान नहीं दिख रही है। कांग्रेस ने यहां से पूर्व विधायक अमीरचंद मक्कड़ के पोते राहुल मक्कड़ को टिकट दिया है।

JJP और AAP कर सकते हैं खेल

वहीं, JJP-ASP गठबंधन से शमशेर ढुल और AAP ने राजेंद्र सोरखी को मैदान में उतारा है। जेजेपी और आप यहां से जीत की स्थिति में तो नहीं दिख रहे, लेकिन कांग्रेस या बीजेपी को ठीकठाक नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसा राजनीतिक विश्लेषक मानकर चल रहे हैं। इस सीट पर जाट निर्णायक स्थिति में हैं। ग्रामीण के अलावा शहरी वोटरों का भी खासा प्रभाव है, लेकिन यहां से कोई प्रत्याशी दो बार लगातार नहीं जीत सका है। भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी पंजाबी समुदाय से हैं। कांग्रेस प्रत्याशी राहुल मक्कड़ के दादा अमीरचंद यहां से 3 बार जीत चुके हैं।

भजनलाल परिवार का रहा दबदबा

वे हरियाणा के पूर्व सीएम भजनलाल के खासमखास माने जाते थे। हांसी में भजनलाल का बड़ा दबदबा था। जिन्होंने 2005 में अमीरचंद को जीत दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई। वहीं, भजनलाल ने 2009 में नई पार्टी हजकां बनाकर विनोद भ्याना को टिकट दिया था। जो चुनाव जीतने में कामयाब रहे, लेकिन बाद में हुड्डा के साथ चले गए थे। 2014 में भजनलाल परिवार की बहू रेणुका बिश्नोई हजकां के टिकट पर यहां से जीतीं। 2019 तक कुलदीप बिश्नोई कांग्रेस में आ चुके थे। जिन्होंने अपने नजदीकी ओमप्रकाश पंघाल को टिकट दिलाया। जो यहां से बुरी तरह हारे।

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इस बार जातीय समीकरण गड़बड़ाए हुए हैं। भाजपा सरकार में हांसी पुलिस जिला बना है। अब भाजपा इस मुद्दे को भुना रही है। भाजपा का कहना है कि अगर तीसरी बार सरकार बनी तो हांसी को जिला बना देंगे। कांग्रेस यहां विकास न होने, बड़ा उद्योग न लगने, जलभराव आदि मुद्दों को लेकर भाजपा को घेर रही है। विनोद भ्याना सीट बचाने तो राहुल मक्कड़ उनसे सीट छीनने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं।

पंजाबी समुदाय के 20 हजार वोट

हांसी सीट पर 2 लाख 3 हजार मतदाता हैं। जिसमें सिर्फ 65 हजार शहरी हैं। इस सीट पर 67 हजार वोट जाटों और 20 हजार पंजाबी समुदाय के हैं। लेकिन सिर्फ आज तक 1 ही बार जाट विधायक जीता है। दानवीर सेठ छाजूराम के पोते पीके चौधरी को जीत हासिल हुई थी। 1987 में वे बीजेपी के टिकट पर जीते थे। इसके बाद कभी जाट कैंडिडेट किसी भी पार्टी से नहीं जीत सका। इस बार जेजेपी ने जाट चेहरे पर दांव खेला है। देखने वाली बात होगी कि किस दल को जीत मिलेगी?

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Written By

Parmod chaudhary

First published on: Sep 22, 2024 02:37 PM

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