Haryana: ई-टेंडरिंग के विरोध में पंचकूला में चंड़ीगढ़ बॉर्डर पर पक्का धरना लगाकर बैठे सरपंचों पर सरकार ने सख्ती दिखाई है। शनिवार की शाम पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया।
सरपंचों को मजस्टिस की नोटिस दिखाते हुए दो घंटे में रोड खाली करने के लिए कहा गया। इसका कई सरपंचों ने विरोध किया तो उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। इस दौरान सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की गई।
हाईकोर्ट के आदेश पर रोड खाली करा रही पुलिस
दरअसल, पंचकूला-चंडीगढ़ की रोड ब्लॉक करने को लेकर हरियाणा कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई थी। हाईकोर्ट ने डीसी पंचकूला को शनिवार की रात 10 बजे से पहले रोड खाली कराने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने इस पूरे प्रकरण की रिपोर्ट सोमवार यानी 6 मार्च को तलब की है।
पीछे हटे सरपंच, कई हिरासत में
हरियाणा में सरपंच ई-टेंडरिंग के विरोध में हैं। कई बार इसके विरोध में आंदोलन भी हो चुके हैं। पंचायत मंत्री ने सरपंचों से बात की थी, लेकिन वार्ता विफल हो गई थी। इसके बाद सरपंचों ने चेतावनी दी कि वे चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे। यदि कहीं रोका गया तो वे वहीं पर धरने पर बैठ जाएंगे।
एक मार्च को झड़प के बाद धरना हुआ था शुरू
बीते एक मार्च को सरपंचों ने चंडीगढ़ कूच किया था तो उन्हें पंचकूला में रोक दिया गया था। इसके बाद वे पक्का धरना लगाकर बैठ गए थे। लेकिन शनिवार को सरकार की सख्ती के बाद सरपंच पीछे हट गए। जिसके बाद एक तरफ का रास्ता खोल दिया गया। लेकिन कई प्रदर्शनकारी धरने पर अड़े थे। इसलिए उन्हें हिरासत में लिया गया है।
प्रशासन में दम होता तो हमें दिन में उठाते
एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि अगर प्रशासन में दम था तो दिन में हमें उठाते। इन्होंने हमें खाना तक चैन से खाने नहीं दिया। तानाशाही कर हमें इस पुलिस फोर्स ने उठाने का काम किया है।
एएसपी पंचकूला करण गोयल ने कहा कि आज शनिवार रात 10 बजे तक इस रोड को खाली करवाने के निर्देश दिए गए हैं, हम इसे खाली करवा देंगे। जो प्रदर्शनकारी हैं उन्होंने कहा है कि वे सरपंच एसोसिएशन से इस विषय पर बात कर हमें 10-15 मिनट में बताएंगे, ऑर्डर की कॉपी भी प्रदर्शनकारियों को दी गई है।
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