Cyber Fraud: जालसाजों ने खुद को मुंबई पुलिस अधिकारी बताकर गुरुग्राम की एक महिला से 20 लाख रुपये की ठगी कर ली। पुलिस के अनुसार, जालसाजों ने महिला को ठगने के लिए पहले खुद को कूरियर कंपनी का अधिकारी बताया, फिर बाद में ठगों ने खुद को मुंबई के पुलिस उपायुक्त के रूप में पेश किया।
जानकारी के मुताबिक, गुरुग्राम सेक्टर 43 की 27 साल की पीड़िता को 3 मार्च को दोपहर 12.03 बजे एक फोन आया और बताया गया कि उसकी ओर से मंगवाया गया पार्सल मुंबई में बंदरगाह पर पहुंच गया है, लेकिन सीमा शुल्क अधिकारियों की ओर से जांच के दौरान पार्सल में अवैध सामान पाया गया जिसके चलते इसे जब्त कर लिया गया है।
महिला को फोन करने वाले ने कहा कि उसकी कॉल मुंबई पुलिस को ट्रांसफर कर दी जाएगी। इसके बाद महिला को एक और फोन आया जिसमें दो लोगों ने खुद को मुंबई पुलिस के साइबर क्राइम यूनिट का अधिकारी बताया। दोनों ने अपना नाम पुलिस उपायुक्त बालसिंग राजपूत और इंस्पेक्टर अजय बंसल बताया।
फर्जी अफसरों ने दावा किया कि पीड़िता के आधार कार्ड का इस्तेमाल मुंबई में उसके तीन अतिरिक्त बैंक खातों से कई आपराधिक लेनदेन और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में किया गया था। ये सुनने के बाद महिला ने कहा कि मुंबई के किसी बैंक में उसका कोई अकाउंट नहीं है। इसके बाद फर्जी अफसरों ने पीड़िता से अपने खातों को वैरिफाइड करने के लिए ट्रांजेक्शन करने के लिए कहा।
पीड़िता ने अपनी पुलिस शिकायत में कहा कि दोनों फर्जी अफसरों ने मुझे 4,99,999 रुपये ट्रांसफर करने के लिए कहा और कहा कि वित्तीय जांच शुरू करने के लिए यह एक गुप्त कोड है। पैसे ट्रांसफर करने के बाद दोनों ने पीड़िता से वित्तीय जांच करने के लिए सिक्योरिटी डिपॉजिट के रूप में और पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहा। महिला ने कहा कि मैंने छह लेनदेन में 20,37,194 रुपये ट्रांसफर किए।
गुरुग्राम की महिला की शिकायत के आधार पर सोमवार को साइबर अपराध (पूर्व) पुलिस स्टेशन में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और आईटी अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
साइबर अटैक से बचने के लिए सबसे कारगर उपाय आपकी सतर्कता ही है। आप अपने मोबाइल पर आए किसी भी संदिग्ध लिंक या मैसेज, ईमेल, फोन कॉल्स और वीडियो कॉल्स का कोई रिस्पांस न दें।
इसके अलावा अगर आप साइबर फ्रॉड से बचना चाहते हैं तो अपने सभी ऑनलाइन अकाउंट्स (बैंक और सोशल मीडिया) का मजबूत और यूनिक पासवर्ड बनाएं और इसे किसी से शेयर न करें। साथ ही कुछ महीनों के अंतराल पर इन पासवर्ड्स को अपडेट भी करते रहें।
संदेह वाले किसी भी तरह के ईमेल और लिंक्स से बिलकुल सावधान रहें। न समझ आने वाले और अनजान सोर्स के लिंक या अटैचमेंट को कभी भी डाउनलोड न करें।
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