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गुजरात के इस गांव में तेंदुए का खौफ, ‘आदमखोर’ से डरे 100 परिवारों ने खुद को किया पिंजरे में कैद

Ahmedabad: आमतौर पर जंगली जानवरों को पकड़ने के लिए पिंजरे लगाए जाते हैं, लेकिन जब किसान खुद को ही पिंजरे में कैद कर लें तो क्या कहा जा सकता है। चौंकिए नहीं, ऐसा ही एक मामला गुजरात (Gujarat) के अहमदाबाद (Ahmedabad) में सामने आया है। यहां तेंदुए (Leopard) से खुद की रक्षा के लिए किसानों […]

Ahmedabad: आमतौर पर जंगली जानवरों को पकड़ने के लिए पिंजरे लगाए जाते हैं, लेकिन जब किसान खुद को ही पिंजरे में कैद कर लें तो क्या कहा जा सकता है। चौंकिए नहीं, ऐसा ही एक मामला गुजरात (Gujarat) के अहमदाबाद (Ahmedabad) में सामने आया है। यहां तेंदुए (Leopard) से खुद की रक्षा के लिए किसानों ने खुद को पिंजरे (cage) में कैद कर लिया है। खेतों की रखवाली के दौरान किसान पिंजरों में कैद होकर बैठते हैं।

अरावली के भाटकोटा में दहशत में हैं किसान

मामला अहमदाबाद के अरावली स्थित भाटकोटा गांव का है। यहां किसान तेंदुए के परिवार से खुद को बचाने के लिए शाम से सुबह तक खुद को पिंजरे में बंद कर लेते हैं। उनका दावा है कि गांव के आसपास आम तौर पर तेंदुए और उसके परिवार को देखा गया है। यह भी पढ़ेंः बुलंदशहर में मुर्गे का लालच पड़ा भारी, तेंदुए के पिंजरे में फंसा इंसान, फिर हुआ ये…

गांव में रहते हैं 700 ग्रामीण, बदलना पड़ा है जीने का तरीका

टीओआई की एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सूरज ढलते ही यहां रहने वाले करीब 700 ग्रामीण खुद को अपने घरों में और मवेशियों को सुरक्षित स्थानों में बंद कर देते हैं। यहां रहने वाले एक ग्रामीण भरत बारोट ने मीडिया को बताया कि वह नियमित तौर पर अपने खेतों पर जाते हैं। खेत पर खुद के लिए बनाए पिंजरे में शाम से लेकर सुबह तक रहते हैं। इस दौरान वह सर्दी से बचने के लिए कंबल लेकर जाते हैं।

तेंदुए ने छह माह पहले किसान पर किया था हमला

उन्होंने बताया कि गेहूं और मूंगफली की फसल की रखवाली करने के लिए उन्हें खेद को पिंजरे के अंदर कैद करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि वे पिछले छह माह से ऐसे ही अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं। छह माह पहले एक तेंदुए ने खेत पर रहते समय उन पर हमला कर दिया था। उन्होंने बताया कि एक दिन मैंने गांव में मंदिर के पास तेंदुए के एक जोड़े को अपने शवक के साथ देखा था।

छोटे मवेशियों और आवारा कुत्तों पर हमला करता है तेंदुआ

किसान भरत ने बताया कि मैं खेत पर जाने के दौरान ही पिंजरे में रहता हूं। अगर मुझे इस दौरान तेंदुआ दिखता है तो मैं गांव वालों को सूचना देता हूं। भाटकोटा के एक अन्य किसान दिलीप बारोट ने बताया कि तेंदुआ आमतौर पर छोटे मवेशियों जैसे बकरियों और पालतू कुत्तों पर हमला करता है। दिलीप ने कहा कि यह हमारे बच्चों पर भी हमला कर सकता है। ताजा खबरों के लिए यहां क्लिक करेंः-


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