Namo Drone Didi Yojana: गुजरात में लंबे समय से बनासकांठा जिले की महिलाएं कृषि और पशुपालन से अपनी आजीविका चला रही हैं। इस बीच, डीसा के तालेपुरा गांव की आशाबेन चौधरी ड्रोन पायलट हैं। आशाबेन चौधरी वर्तमान में ड्रोन के माध्यम से खेतों में अलग-अलग फसलों पर कीटनाशकों का छिड़काव करके लाखों रुपये कमा रही हैं।
राज्य सरकार की नमो ड्रोन दीदी योजना के जरिए आशाबेन चौधरी बनासकांठा जिले में आज ड्रोन के जरिए कीटनाशकों का छिड़काव कर किसानों को लाभ पहुंचा रही हैं। आशाबेन चौधरी ने सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया क्योंकि इस सरकारी योजना ने उन्हें एक महिला के रूप में कमाई शुरू करने में सक्षम बनाया है।
ड्रोन दीदी कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित
बनासकांठा के तालेपुरा गांव की निवासी 31 साल की आशाबेन प्रकाश कुमार चौधरी पशुपालन और कृषि से जुड़े परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियर बनने के लिए पढ़ाई की है। फिलहाल ड्रोन दीदी कार्यक्रम के तहत ट्रेनिंग लेकर वे ड्रोन की मदद से आसपास के इलाकों में कीटनाशकों का छिड़काव कर अच्छी आय कमा रही हैं।
ड्रोन उड़ाने के क्षेत्र में अपनी भागीदारी के बारे में आशाबेन चौधरी ने कहा कि मुझे ड्रोन के बारे में कुछ भी पता नहीं था, लेकिन मैं सखीमंडल द्वारा आयोजित सभी कार्यक्रमों में शामिल थी, इसलिए मुझे ड्रोन दीदी कार्यक्रम के बारे में जानकारी मिली।
ड्रोन कीटनाशक छिड़काव
आशाबेन चौधरी ने बताया कि परीक्षा में उनसे ड्रोन उड़ान के साथ-साथ डीजीसीए नियमों के बारे में भी प्रश्न पूछे गए। वहां ट्रेनिंग के बाद बनासकांठा में ड्रोन का इस्तेमाल कर कीटनाशकों का छिड़काव शुरू किया। फिलहाल ड्रोन का उपयोग करके बनासकांठा के वाव, थराद, डीसा, वडगाम और मेहसाणा के खेतों में कीटनाशकों का छिड़काव कर रही हैं।
महिलाएं कमा रहीं लाखों रुपये
आशाबेन को एक मीडियम साइज का ड्रोन, खेतों तक ले जाने के लिए एक ई-वाहन तथा किसी कारणवश कुछ क्षेत्रों में बिजली न होने की स्थिति में एक जनरेटर सेट भी उपलब्ध कराया गया है। आशाबेन ने एक एकड़ में ड्रोन से दवा छिड़कने में 500 रुपये का खर्च आता है। आशाबेन बनासकांठा जिले में ड्रोन की मदद से कीटनाशकों का छिड़काव करके लाखों रुपये कमा रही हैं।
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