Morbi Tragedy: मोरबी बार एसोसिएशन ने हैंगिंग ब्रिज हादसे के मामले में बड़ा फैसला लिया है। बार एसोसिएशन की ओर से फैसला लिया गया है कि कोई भी वकील हादसे के आरोपियों का केस नहीं लड़ेगा। मोरबी बार एसोसिएशन के सीनियर वकील एसी प्रजापति ने समाचार एजेंसी ANI को बताया कि फैसला लिया गया है कि मोरबी पुल ढहने की त्रासदी के सिलसिले में गिरफ्तार आरोपियों का केस कोई भी वकील नहीं लेगा। संकल्प है कि वकील ओरेवा कंपनी के नौ आरोपियों का प्रतिनिधित्व नहीं करेंगे।
बता दें कि अहमदाबाद स्थित ओरेवा समूह की ओर से 25 अक्टूबर को मोरबी हैंगिंग ब्रिज को जनता के लिए खोल दिया गया था। रविवार को पुल अचानक टूटकर मच्छु नदी में गिर गया था जिसमें 135 से अधिक लोगों की मौत हो गई। शुरुआती जांच में पता चला है कि मरम्मत का काम ठीक से नहीं किया गया था।
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मंगलवार को अदालत में अभियोजन पक्ष ने बताया कि जहां पुल के फर्श की मरम्मत की गई, वहीं केबल की मरम्मत नहीं की गई और इसलिए फर्श के दबाव में केबल टूट गई। मरम्मत के बाद फर्श भारी हो गया। इसके अलावा छठ पूजा के मौके पर भी भीड़ उमड़ी।
बता दें कि ब्रिज का देखरेख और मरम्मत का काम ओरेवा समूह देखता है। पुल को मरम्मत कार्य के लिए पिछले 8 महीने से बंद रखा गया था। कहा गया था कि पुल के रिनोवेशन में कंपनी ने दो करोड़ रुपए खर्च किए थे। पुल खोले जाने के चार दिन बाद ही टूटकर गिर गया।
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कुल 9 लोगों को किया गया है गिरफ्तार
इस मामले में ओरेवा समूह के दो प्रबंधकों, पुल की मरम्मत करने वाले दो उप ठेकेदार, सुरक्षा गार्ड और टिकट बुकिंग क्लर्क समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। प्रबंधकों और उप-ठेकेदारों को पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है, जबकि बाकी न्यायिक हिरासत में हैं।
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