Ambaji Temple To Gabbar Tekri: गुजरात में अंबाजी और आसपास के तीर्थ स्थलों के विकास के लिए अब तक दो टीपी योजनाएं लागू की गई हैं। अंबाजी मंदिर और उसके आसपास के क्षेत्र की टाउन प्लानिंग स्कीम नंबर 1 लगभग 6.07 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करती है। नगर नियोजन योजना सं. 1 (Town Planning Scheme No. 1) में मूल भूखण्डों की कीमत के विरुद्ध आवंटित फाइनल प्लॉट की कीमत के अन्तर की राशि मुआवजे के रूप में दी गई है। नगर नियोजन स्कीम संख्या टीपी-1 के अंतर्गत 2.87 हेक्टेयर का निर्माण हुआ। साल 1997 से टीपी योजना संख्या-2 प्रभावी है, जिसमें कुल 53 मूल भूखंड और 74 अंतिम भूखंड शामिल हैं।
विकास योजना
टीपी स्कीम-1 और 2 के बाहर “विकास योजना” में स्थित सरकारी जमीन पर दबाव की जानकारी देते हुए मंत्री ऋषिकेश पटेल ने बताया कि अंबाजी मंदिर, गब्बर डूंगर मंदिर और 51 शक्तिपीठों को जोड़ने वाले शक्ति कॉरिडोर में आने वाली लहर से अंबाजी आवास संख्या 123 को भारी नुकसान हुआ है। इनमें से 8 में सरकारी भूमि पर निजी व्यक्तियों द्वारा अनऑथराइज्ड कंस्ट्रक्शन का काम किया गया।
इस जमीन से भू-राजस्व संहिता 1879 की धारा 61 के अंतर्गत प्रांतीय अधिकारी दांता द्वारा दबाव हटाए गए हैं। इस जमीन से कुल 79 कच्चे और तैयार हटाए गए हैं। इस संबंध में प्रभावित लोगों द्वारा दबावों से राहत के लिए हाई कोर्ट के सामने विशेष सिविल याचिका के जरिए दावा पेश किया गया था, जिसके संबंध में हाई कोर्ट द्वारा एक सामान्य मौखिक आदेश के जरिए कच्चे और तैयार घर को न हटाने की मांग को स्वीकार नहीं किया गया। मंत्री ऋषिकेश पटेल ने अंबाजी यात्रा धाम विकास परियोजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अंबाजी माता मंदिर से गब्बर टेकरी तक के क्षेत्र को अनुमानित 1191 करोड़ की लागत वाली परियोजना के साथ बड़े पैमाने पर विकसित किया जाएगा।
इन चीजों में मिलेगा बढ़ावा
- पवित्र तीर्थस्थल विकास बोर्ड द्वारा तैयार की गई विकास योजना में आध्यात्मिकता को आधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ जोड़ा जाएगा और आसपास के पर्यावरण की भी रक्षा होगी।
- गब्बर हिल पर स्थित ज्वाला और मंदिर के वेनम डिवाइस के बीच एक सरल संबंध स्थापित किया जाएगा।
- कलात्मक मूर्तियों और इंटरैक्टिव प्रदर्शनों के जरिए समृद्ध स्थानीय संस्कृति और इतिहास को प्रतिबिंबित करने के लिए चचर चौक और गब्बर मंदिर का विकास किया जाएगा।
- इसके साथ ही सांस्कृतिक और सामुदायिक कार्यक्रमों के लिए सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।
- मंदिर परिसर से गब्बर हिल तक आने वाले तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए साइनबोर्ड के साथ पैदल मार्ग का निर्माण किया जाएगा।
- दिव्य दर्शनी चौक के विकास के तहत एक सुंदर डिजाइन वाला सार्वजनिक मनोरंजन क्षेत्र विकसित किया जाएगा, जिसमें बैठने की व्यवस्था और सूचना कियोस्क होंगे।
- सती सरोवर और सती घाट को धार्मिक समारोहों के लिए प्राकृतिक उद्यानों और पर्यावरण अनुकूल सुविधाओं के साथ विकसित किया जाएगा।
- मंत्री ने कहा कि इस परियोजना के पूरा होने से न केवल गुजरात पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए आध्यात्मिक स्थल के रूप में अंबाजी का महत्व भी बढ़ेगा।
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