Misdeed accused Encounter: गुजरात के गांधीनगर में 4 साल की मासूम के साथ हुई दरिंदगी के मामले में पुलिस ने आरोपी को मुठभेड़ में गोली मारकर काबू में किया. आरोपी गिरफ्तारी के बाद मौके का फायदा उठाकर भागने की कोशिश कर रहा था, लेकिन महिला पुलिस इंस्पेक्टर की सूझबूझ और तत्परता ने उसे भागने नहीं दिया. सूत्रों के मुताबिक, शनिवार शाम को मामले की जांच कर रही महिला इंस्पेक्टर एलपी देसाई अपनी टीम के साथ आरोपी रामगनीत देव नंदन रामरूप यादव को वारदात स्थल पर लेकर गई थीं. वहां पुलिस को केस का रीकंस्ट्रक्शन पंचनामा करना था. इसी दौरान आरोपी ने भागकर पुलिस को चकमा देने की कोशिश की. कई बार चेतावनी देने के बावजूद वह नहीं रुका, जिसके बाद इंस्पेक्टर ने आत्मरक्षा में अपनी सर्विस पिस्टल से फायर किया. गोली आरोपी के पैर में लगी.
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कौन है आरोपी?
पुलिस जांच में पता चला कि 40 वर्षीय रामगनीत यादव बिहार के नालंदा जिले का रहने वाला है और फिलहाल गांधीनगर में एक निजी कंपनी में काम कर रहा था. उसे 15 दिसंबर को दर्ज चार वर्षीय बच्ची के अपहरण और दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने मौके से मिले सबूत एफएसएल जांच के लिए भेजे थे, जिनकी पुष्टि भी हो चुकी है. गोली लगने के बाद घायल आरोपी को तुरंत गांधीनगर सिविल अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां उसका इलाज पुलिस की सुरक्षा में चल रहा है. पुलिस का कहना है कि आवश्यक कानूनी कार्रवाई आगे बढ़ाई जा रही है.
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बढ़ती पुलिस सख्ती
बीते तीन महीनों में गुजरात पुलिस ने ऐसे कई मामलों में सख्त कदम उठाए हैं. सूरत, अहमदाबाद, राजकोट और नवसारी में भी ऐसे आरोपियों पर ‘हाफ एनकाउंटर’ जैसी कार्रवाई की गई है, जब उन्होंने पुलिस गिरफ्त से भागने या हमला करने की कोशिश की. इन घटनाओं से साफ है कि राज्य पुलिस अब अपराधियों को किसी भी सूरत में बख्शने के मूड में नहीं है.
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