नई दिल्ली: झारखंड के दुमका जिले में लड़की को जलाकर मारने का मामला शांत नहीं हुआ था कि इसी जिले का एक मामला चर्चित हो रहा है। इस बार मामला टीचर की पिटाई से जुड़ा हुआ है। दरअसल, दुमका के एक गांव के सरकारी स्कूल में एक साथ 11 छात्रों को एग्जाम में कम अंक मिले जिसके बाद छात्रों ने अपने शिक्षकों और स्कूल को दो स्टाफ को पकड़कर पेड़ से बांध दिया और उनकी पिटाई की। मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
छात्रों ने कहा- वायरल करना है...
बताया जा रहा है कि दुमका के गोपीकांदर थाना क्षेत्र में अनुसूचित जानजाति आवासीय विद्यालय है। छात्रों के मुताबिक, झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जेएसी) की ओर से शनिवार को हुई नौवीं की परीक्षा में स्कूल के 32 में से 11 छात्रों को ग्रेड 'डीडी' (डबल डी) मिला, जिसे फेल माना जाता है। इसके बाद छात्रों ने मिलकर टीचर और स्कूल के स्टाफ को पकड़ा और उनकी पिटाई कर दी।
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पुलिस ने कहा- नहीं मिली है कोई शिकायत
गोपीकांदर थाना के प्रभारी नित्यानंद भोक्ता ने पीटीआई को बताया कि मामले में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है, क्योंकि स्कूल प्रबंधन ने घटना के बारे में कोई लिखित शिकायत नहीं दी है। घटना के सत्यापन के बाद मैंने स्कूल प्राधिकरण से शिकायत दर्ज करने के लिए कहा, लेकिन उसने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि इससे छात्रों का करियर खराब हो सकता है।
पुलिस ने बताया कि टीचर की पहचान सुमन कुमार के रूप में हुई है, जबकि स्टाफ की पहचान सोनेराम चौरे के रूप में हुई है। थाना प्रभारी ने बताया कि स्कूल के स्टाफ और टीचर की ओर से भी कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है।
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आवासीय विद्यालय में रहते हैं 200 छात्र
थाना प्रभारी भोक्ता के साथ जांच के लिए स्कूल पहुंचे गोपीकंदर प्रखंड विकास अधिकारी (बीडीओ) अनंत झा ने कहा कि आवासीय विद्यालय में 200 छात्र हैं और अधिकांश छात्र इस घटना में शामिल थे।
बीडीओ के स्कूल पहुंचने पर छात्रों ने आरोप लगाया कि शिक्षक ने उन्हें प्रायोगिक परीक्षाओं में कम अंक दिए गए जिससे वे परीक्षा में फेल हो गए। उन्होंने कहा कि स्कूल के स्टाफ की पिटाई इसलिए की क्योंकि उसने एग्जाम के रिजल्ट को झारखंड एकेडमिक काउंसिल की साइट पर अपलोड किया था।
उधर, स्कूल प्रबंधन ने कहा कि प्रैक्टिकल एग्जाम के मार्क्स जिस तारीख को ऑनलाइन अपलोड किए गए थे, वह अपलोड नहीं हो पाया था। फिलहाल, ये स्पष्ट नहीं है कि छात्र थ्योरी में फेल हुए हैं या फिर प्रैक्टिकल में।
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