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सस्ती होगी CNG-PNG की कीमत! केंद्र सरकार ने मूल्य निर्धारण के नए फॉर्मूले को दी मंजूरी, जानें कितना होगा फायदा?

नई दिल्ली: केंद्र सरकार के कैबिनेट ने गुरुवार को गैस कीमत निर्धारण के नए फॉर्मूले को मंजूरी दी है। मीटिंग में सीएनजी और पाइप से सप्लाई की जाने वाली रसोई गैस की कीमतों पर अधिकतम सीमा तय की गई है।  इस कदम से घरेलू उपभोक्ताओं के लिए पीएनजी में 10% की कमी आएगी और सीएनजी […]

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार के कैबिनेट ने गुरुवार को गैस कीमत निर्धारण के नए फॉर्मूले को मंजूरी दी है। मीटिंग में सीएनजी और पाइप से सप्लाई की जाने वाली रसोई गैस की कीमतों पर अधिकतम सीमा तय की गई है।  इस कदम से घरेलू उपभोक्ताओं के लिए पीएनजी में 10% की कमी आएगी और सीएनजी में करीब 7 फीसदी की कमी होगी। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि घरेलू गैस की कीमत अब अंतर्राष्ट्रीय हब गैस की जगह इंपोर्टेड क्रूड के साथ लिंक कर दिया गया है। घरेलू गैस की कीमत अब भारतीय क्रूड बास्केट के अंतर्राष्ट्रीय दाम का 10% होगा। यह हर महीने तय किया जाएगा। और पढ़िए – Ujjwala Yojna: 9.59 करोड़ लोगों को बड़ी राहत, मोदी सरकार ने LPG सिलेंडर पर बढ़ाई सब्सिडी

अनुराग ठाकुर बोले- कच्चे तेल की बॉस्केट पर तय होगी कीमत

अनुराग ठाकुर ने कहा कि पारंपरिक या पुराने क्षेत्रों से उत्पादित गैस को एपीएम गैस के रूप में जाना जाता है। उसे अब अमेरिका, कनाडा, रूस जैसे देशों में गैस की कीमतों के आधार पर मूल्य निर्धारण के बजाय कच्चे तेल की कीमतों में अनुक्रमित किया जाएगा। एक अप्रैल से एपीएम गैस की कीमत भारत द्वारा आयात किए जाने वाले कच्चे तेल की बॉस्केट की कीमत का 10 फीसदी होगा। हालांकि इस तरह की दर 8.57 अमेरिकी डॉलर प्रति एमएमबीटीयू के मौजूदा गैस मूल्य के मुकाबले 6.5 अमेरिकी डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट पर सीमित होगी। इसी तरह की कीमत भी 4 अमेरिकी डॉलर प्रति एमएमबीटीयू की एक न्यूनतम सीमा हागी। उन्होंने कहा कि दो साल के संशोधन की मौजूदा प्रथा के बजाय हर महीने दरें तय की जाएंगी। और पढ़िए – दुनिया पर मंडरा रहा गरीबी-भुखमरी का खतरा, IMF ने घटाई ग्लोबल ग्रोथ रेट, तीन दशक बाद आई ऐसी नौबत

यह होगा फायदा

  • नया फॉर्मूला लागू होने से सीएनजी और पीएनजी सस्ती होगी।
  • घरेलू उपभोक्ताओं को ज्यादा स्थायी कीमत पर गैस मिलेगी।
  • फर्टिलाइजर बनाने वाली कंपनियों को सस्ती गैस मिलेगी। फर्टिलाइजर सब्सिडी घटेगी।
  • ओएनजीसी और ऑयल इंडिया को नए निवेश के लिए बढ़ावा मिलेगा।
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