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‘मेरे बच्चे को बचा लो’ – रोती मां की गुहार, रेयर बीमारी से जूझ रहे मासूम को चाहिए मदद

बच्चे को दुख होता है तो मां को उसका दर्द महसूस होता है। सोशल मीडिया के माध्यम से अपने मासूम अद्वितीय की जान बचाने की गुहार लगाते हुए मां श्वेता शर्मा ने लोगों से मदद की अपील की।

mother pleads to save child
एक मां के लिए उसका बच्चा ही उसकी दुनिया होता है। हर मां की यही कामना होती है कि उसका बच्चा हर दुख से दूर रहे। हाल ही में एक मजबूर मां का वीडियो सामने आया है जिसमें वो अपने बच्चे की जिंदगी बचाने की गुहार लगा रही है। दरअसल उनके छोटे बच्चे को एक रेयर बीमारी है जिसके इलाज के लिए काफी पैसों की जरूरत होती है, लेकिन उनके पास किसी भी तरह की कोई मदद नहीं है। उन्होंने लोगों से मदद की गुहार लगाई है और कहा कि आपका एक रुपया भी मेरे लिए बहुत मायने रखता है। आइए जानते हैं कि बच्चे को ऐसी कौन सी बीमारी है जो उसकी जान के लिए खतरा बन गई है।

मां ने रो रो कर मांगी मदद

श्वेता शर्मा नाम की महिला ने अपने मासूम बच्चे अद्वितीय की जान बचाने के लिए लोगों से मदद मांगी। उन्होंने कहा कि मैं लोगों से हाथ जोड़कर विनती करती हूं। प्लीज मेरे बच्चे की जिंदगी बचाने में मेरी मदद कर दीजिए। कोई भी मुझे सपोर्ट नहीं कर रहा है। आपके 100 रुपये भी मेरे बच्चे की जान बचा सकते हैं। बता दें कि श्वेता के मासूम को स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी नाम की बीमारी है जो बहुत ही रेयर होती है। यह भी पढ़ें: मेरठ जेल में साहिल से मिलने पहुंचा कोई अपना, जानें मुस्कान के प्रेमी की हालत कैसी

बच्चे के तड़पती दिखी मां

महिला ने कहा कि मेरे पास मेरे बच्चे के अलावा और कुछ भी नहीं है। आपका एक रुपया भी मेरे लिए बहुत अमुल्य है। मैं आपसे हाथ जोड़कर रिक्वेस्ट करती हूं कि मेरी मदद किजिए। मैं आपका ये एहसान कभी नहीं भूलुंगी। महिला ने कहा कि उनके बच्चे को जो बीमारी है वो बहुत ही रेयर है, ये कम लोगों को होती है लेकिन जिसे होती है वो ही इसका दर्द जानता है।

क्या है स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी?

अब ये जान लेते हैं कि स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी बीमारी होती क्या है। जानकारी के लिए बता दें कि ये एक आनुवंशिक बीमारी है जो रीढ़ की हड्डी में मोटर न्यूरॉन्स को प्रभावित करती है। जो मांसपेशियों को नियंत्रित करने वाले तंत्रिका कोशिकाएं होती हैं। इस बीमारी की वजह से मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। इस बीमारी की वजह से चलने बैठने और सिर हिलाने में भी दिक्कत होती है। साथ ही समय बढ़ने के साथ ही सांस लेने और खाने को निगलने में भी दिक्कत होने लगती हैं। यह भी पढ़ें: पीरियड्स रोकने वाली पिल्स सेफ या खतरनाक? क्या हो सकते हैं साइड इफेक्ट्स, जानें गोली का सच  


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