नई दिल्ली:दिल्ली सरकार के स्कूलों के पूर्व विद्यार्थियों ने बुधवार को मनीष सिसोदिया के निवास पर उनकी पत्नी सीमा सिसोदिया से मुलाकात की। ये बच्चे सीबीआई द्वारा गिरफ्तार होने के पहले अपने चहेते शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के अपने परिवार का ख्याल रखने के अपील करने के बाद से ही उनकी पत्नी से मिलना चाह रहे थे।
एजुकेशन सिस्टम में विभिन्न सुधार
साथ ही ये विद्यार्थी मनीष सिसोदिया के लिए अपनी लिखी चिट्ठियां भी लेकर आए थे और उन्होंने मनीष सिसोदिया की पत्नी से अपने ये सन्देश अपने शिक्षा मंत्री तक पहुंचाने की बात कही। बता दें पिछले 8 सालों में, दिल्ली के शिक्षा मंत्री के रूप में, मनीष सिसोदिया ने दिल्ली के एजुकेशन सिस्टम में विभिन्न सुधारों के माध्यम से दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के जीवन को प्रभावित किया है। बुधवार को मनीष सिसोदिया की पत्नी से मिले ये छात्र उन्ही में से कुछ थे जो अपने शिक्षा मंत्री और उनके परिवार के समर्थन में आगे आए है।
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परिवार का ध्यान रखा जाए
छात्रों ने बताया कि मनीष सिसोदिया सर ने सीबीआई दफ्तर जाने से पहले अपने अपील की थी कि उनके परिवार का ध्यान रखा जाए। इसलिए आज हम उनके घर आए है| हम सभी जानते है कि मनीष सर ने कुछ गलत नहीं किया है बल्कि हमारे स्कूलों को सुधार कर, शिक्षा में सुधार लाकर हमारी जिंदगी बदल दी है। आज जब मनीष सर को झूठे मामलों में फंसाया गया है तो हम अपने शिक्षा मंत्री और उनके परिवार के साथ खड़े है और सिर्फ हम ही नहीं हमारे और भी सैकड़ों साथी जिनकी जिन्दगी दिल्ली सरकार के स्कूलों में आए सुधार के बाद से बदली है वो सभी मुश्किल के इस वक्त में मनीष सर और उनके परिवार के साथ है।क्योंकि मनीष सर हमेशा हमारे हीरो रहेंगे। दिल्ली या पूरे देश में उनके जैसा कोई दूसरा शिक्षा मंत्री नहीं हो सकता है।
मुलाकात के दौरान छात्रों ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा-
प्रथम वर्ष के छात्रा सोनी ने कहा, “आज हम जो कुछ भी हैं मनीष सर द्वारा शिक्षा में किए गए बदलावों की वजह से हैं। उन्होंने दिल्ली सरकार स्कूलों में पढ़ने वाले हर छात्र के साथ व्यक्तिगत जुड़ाव रखा जिसने हमें मुश्किलों से लड़ते हुए बड़े सपने देखने और उसे पूरा करने का विश्वास दिया है। हमें विश्वास है कि हमारे हीरो कभी कुछ गलत नहीं कर सकते है इसलिए हम हमेशा उनके साथ खड़े रहेंगे।”
हमारी जिंदगी बदल दी है
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए अन्य छात्रा संजीदा ने कहा, “एक बार हमारी मुलाकात के दौरान मनीष सर ने कहा था- अगर आप बाहर जाकर किसी विदेशी कंपनी के मैनेजर बनोगे तो मुझे आप पर गर्व नहीं होगा। लेकिन अगर आप एक एंत्रप्रेन्योर और नौकरी देने वाले बन जाते हैं तो मुझे आप पर बहुत गर्व होगा। उनकी बातों ने मुझे प्रभावित किया और तब से मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। यह विश्वास मेरे शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया से आया है। उसने हमारी जिंदगी बदल दी है और हमें विश्वास नहीं हो रहा है कि वह कुछ भी गलत कर सकता है।
मनीष सर की वजह से गर्व है
एक अन्य छात्रा योगिता ने कहा, "मैं एक गरीब तबके से आती हूं। मेरे पेरेंट्स कभी भी आर्थिक रूप से इतने मजबूत नहीं थे कि मुझे एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ा सके लेकिन मनीष सर ने सरकारी स्कूलों को ऐसा बना दिया कि हमें प्राइवेट स्कूलों की तरफ देखना ही नहीं पड़ा| आज मुझे मनीष सर की वजह से गर्व है कि मैं दिल्ली सरकार के स्कूल से पढ़ी हूँ। उन्होंने हमारे स्कूलों को दिल्ली के किसी भी प्राइवेट स्कूल से बेहतर बनाया और हमें विश्व स्तरीय सुविधाएं दीं। मैं अपने जीवन में उनके योगदान को कभी नहीं भूलूंगी वो वह कभी भी कुछ भी गलत नहीं कर सकते।”
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आपका काम आपकी कहानी से बड़ा होना चाहिए
हर्ष ने कहा, "कुछ दिन पहले, मनीष सर हमारे कॉलेज में आए और कहा कि व्यक्ति अपने काम से जाना जाता है इसलिए हमेशा सुनिश्चित करें कि आपका काम आपकी कहानी से बड़ा होना चाहिए। उन्होंने सरकारी स्कूलों में बदलाव लाने के अपने काम से साबित कर दिया कि उनका काम उनकी कहानी से कहीं बड़ा है। उनके कामों से न केवल मेरी जिन्दगी बदली है बल्कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढने वाले लाखों बच्चों की जिन्दगी भी बदली है| मुझे यकीन है कि उनके ऊपर लगाये सभी दोष गलत साबित होंगे और वापिस हमारे बीच हमारी पढाई पर चर्चा कर रहे होंगे| हम उनके और उनके परिवार के साथ हैं।”
मनीष सर नियमित रूप से हमारे स्कूल में आया करते थे
बीबीए प्रथम वर्ष के छात्र आर्यन ने कहा कि, मनीष सर नियमित रूप से हमारे स्कूल में आया करते थे और उन्हें हमारे पढाई को लेकर चिंता थी| वो हमेशा छात्रों को मोटीवेट करने का काम करते थे और उनसे मिले मोटिवेशन के कारण हम अपने जिंदगी में बेहतर कर पाए| उन्होंने हमें आत्मनिर्भर बनना सीखाया है| जैसे उन्होंने हमें मुश्किलों से लड़ते हुए अपने अन्दर का डर ख़त्म करना सीखाया है| ठीक उसी तरह मनीष सर इस परिस्थिति से भी बाहर आ जायेंगे| कोई मनीष सर के साथ हो या न हो दिल्ली के स्कूलों-कॉलेजों में पढने वाले लाखों बच्चे उनके साथ है क्योंकि हम अपने शिक्षा मंत्री को जानते है वो गलत नहीं हो सकते है|
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