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Delhi News: संगम विहार की 11 कॉलोनियों में बिछेगी 25.5 KM सीवर लाइन, 3 लाख लोगों को मिलेगा फायदा

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बेहतर सीवरेज प्रबंधन और यमुना को स्वच्छ बनाने के लिए अनधिकृत कालोनियों और गांवों को सीवर नेटवर्क से जोड़ने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही है। इसी के तहत दिल्ली के जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मंगलवार को जलबोर्ड को संगम विहार के अंबेडकर नगर और देवली […]

Edited By : Amit Kasana | Updated: Apr 18, 2023 20:42
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Delhi News, saurabh Bhardwaj
सौरभ भारद्वाज

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बेहतर सीवरेज प्रबंधन और यमुना को स्वच्छ बनाने के लिए अनधिकृत कालोनियों और गांवों को सीवर नेटवर्क से जोड़ने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही है। इसी के तहत दिल्ली के जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मंगलवार को जलबोर्ड को संगम विहार के अंबेडकर नगर और देवली विधानसभा की 11 अनधिकृत कॉलोनियां में 25.5 किमी लंबी सीवर लाइन बिछाने की परियोजना को मंजूरी दी है।

परियोजना की लागत 26.66 करोड़ रूपये

इस परियोजना की लागत 26.66 करोड़ रूपये है। यह प्रोजेक्ट पहले एक कंपनी को दिया गया था, लेकिन कार्य में देरी के चलते केजरीवाल सरकार ने कंपनी का काम कैसिंल कर दिया। अब बैलेंस वर्क के लिए रिस्क एंड कॉस्ट पर नई एजेंसी को कार्य पूरा करने के लिए दिया जाएगा। इस परियोजना से इलाके करीब 3 लाख लोगों को सीवर की समस्या से राहत मिलेगी। जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने डीजेबी अधिकारियों को परियोजना को उम्मीदों के अनुरूप बनाने और समयसीमा के अंदर गुणवत्ता पूर्ण कार्य पूरा करने के निर्देश दिए है।

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अंबेडकर नगर में 9 और देवली में 2 अनधिकृत कॉलोनियों में सीवर लाइन 

जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि हम यमुना को स्वच्छ बनाने और बेहतर सीवरेज प्रबंधन की दिशा में लगातार काम कर रहे है। इसी के तहत अंबेडकर नगर विधानसभा क्षेत्र में 9 और देवली विधानसभा क्षेत्र में 2 अनधिकृत कॉलोनियों में 25.5 किमी लंबी सीवर लाइन डाली जाएगी। क्षेत्र में सीवरेज सिस्टम उपलब्ध नहीं होने के कारण यहां से उत्पन्न सीवरेज को वर्तमान में स्थानीय तालाब, सेप्टिक टैंक या बरसाती नालों में सीवेज छोड़ा जाता है, जोकि मौजूद नाले से यमुना नदी में गिरता है।

प्रोजेक्ट जल्द पूरा करने के लिए नई एजेंसी को सौंपा जाएगा कार्य

संगम विहार ग्रुप आफ कॉलोनियों में 25.5 किमी लंबी इंटरनल और पेरिफेरल सीवर लाइन डाली जाएगी। 26.66 करोड़ रूपये की लागत वाले इस प्रोजेक्ट का कार्य साल 2018 में केके सप्न नामक कंपनी को सौंपा गया था। लेकिन कंपनी द्वारा काम में करीब 5 साल की देरी की गई। ऐसे में केजरीवाल सरकार ने कंपनी का काम कैसिंल कर दिया है। अब सरकार ने कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए नई एजेंसी अपाइंट करने का फैसला लिया है।

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Amit Kasana

First published on: Apr 18, 2023 08:42 PM

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