नई दिल्ली:पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार को प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के तीन लोगों की जमानत याचिका खारिज कर दी। याचिकाकर्ता मोहम्मद परवेज, मोहम्मद इलियास और अब्दुल मुकीत तीनों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है।औरपढ़िए – बिहार में जातिगत जनगणना को चुनौती देने वाली याचिका स्वीकार, शुक्रवार को SC में होगी सुनवाईतीनों ने अदालत में याचिका दायर कर इस आधार पर ज़मानत मांगी कि ईडी ने वर्तमान मामले में "विलंब की रणनीति" अपनाई है और समय के भीतर शिकायत दर्ज नहीं की है। उनका तर्क था कि वह सीआरपीसी की धारा 167 (2) के शासनादेश के मद्देनजर जमानत के हकदार हैं।बता दें इस मामले में शिकायत (चार्जशीट) 19 नवंबर, 2022 को अदालत में दायर की गई थी। इससे पहले 16 दिसंबर, 2022 को अदालत ने ईडी को शिकायत के प्रासंगिक स्थानों पर संरक्षित गवाहों के छद्म नामों का उल्लेख करने की अनुमति दी थी। अदालत को बताया गया कि मोहम्मद परवेज अहमद पीएफआई दिल्ली के अध्यक्ष हैं, मोहम्मद इलियास महासचिव हैं और अब्दुल मुकीत पीएफआई दिल्ली के कार्यालय सचिव हैं।औरपढ़िए – दुनिया का सबसे लंबा रिवर क्रूज यूपी के इस शहर से होगा शुरू, देश क्या विदेश की नदियां भी देंगी दर्शन
याचिकार्ताओं का तर्क था कि वह न्यायिक हिरासत में हैं और निर्दोष हैं क्योंकि जांच एजेंसी ने उन्हें कानून के बहुत ही स्थापित सिद्धांतों के खिलाफ काम करते हुए और आवेदक के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करते हुए झूठे मामले में फंसाया है। वहीं, ईडी के अनुसार, आरोपी व्यक्तियों ने खुलासा किया कि उन्होंने पीएफआई की ओर से फर्जी नकद चंदे में सक्रिय भूमिका निभाई है और अज्ञात और संदिग्ध स्रोतों के माध्यम से पीएफआई की बेहिसाब नकदी को बेदाग और वैध के रूप में पेश करने का दावा किया है।ईडी ने कहा कि पीएमएलए जांच से पता चला है कि पिछले कई वर्षों में पीएफआई के पदाधिकारियों द्वारा रची गई एक आपराधिक साजिश के तहत, पीएफआई और संबंधित संस्थाओं द्वारा देश और विदेश से संदिग्ध धन जुटाया गया है और गुप्त रूप से भारत में भेजा गया है।औरपढ़िए – देश से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें